रूसी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी रोसाटॉम ने तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम में स्थापित किए जा रहे कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की छठी और अंतिम इकाई को एक विशेष जहाज पर भेज दिया है। रूस द्वारा सहायता प्राप्त कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की आगामी इकाइयों के निर्माण में यूक्रेन-रूस संघर्ष के कारण देरी हुई है। संघर्ष के कारण यूक्रेन और रूस से घटकों और उपकरणों के आयात के लिए रसद और समुद्री माल ढुलाई की समस्याएँ पैदा हुईं।
1988 में भारत सरकार और सोवियत संघ के बीच तमिलनाडु के कुडनकुलम में 6000 मेगावाट क्षमता का परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
यह परमाणु संयंत्र देश में एक ही स्थान पर सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र होगा।
इस बिजली संयंत्र में 1000 मेगावाट क्षमता की 6 इकाइयाँ हैं।
1998 में भारत और सोवियत संघ के उत्तराधिकारी देश रूस के बीच समझौते को अद्यतन किया गया, जिसके तहत भारत को परमाणु रिएक्टर के खर्च किए गए ईंधन को भारत में ही रखने की अनुमति दी गई।
भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (एनपीसीआईएल) के अनुसार 2024 में देश में 8080 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाले 24 परमाणु रिएक्टर चालू हैं ।
सरकार ने 2031-32 तक बिजली क्षमता को 22480 मेगावाट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
एशिया का पहला अनुसंधान परमाणु रिएक्टर ‘अप्सरा’ मुंबई में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के ट्रॉम्बे परिसर में चालू हुआ और इसे 2009 में बंद कर दिया गया।
परमाणु रिएक्टरों का संचालन सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआई) द्वारा किया जाता है।
भारत में चालू होने वाला पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र 1969 में महाराष्ट्र के तारापुर में स्थापित किया गया था।
भारत में चालू परमाणु रिएक्टरों की सूची निम्नलिखित है।
परमाणु ऊर्जा प्लांट |
स्थान/राज्य |
रिएक्टर प्रकार |
स्थापित क्षमता |
कुल स्थापित क्षमता |
प्रथम इकाई के प्रारंभ होने की तिथि |
तारापुर परमाणु ऊर्जा स्टेशन (टीएपीएस) |
तारापुर, ठाणे जिला महाराष्ट्र |
-उबलता जल रिएक्टर (बीडब्ल्यूआर) - दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) |
2x160 मेगावाट 2X 540 मेगावाट |
1400 मेगावाट |
28 अक्टूबर 1969 |
राजस्थान परमाणु ऊर्जा स्टेशन (आरएपीएस) |
रावतभाटा, चित्तौड़गढ़ ज़िला, राजस्थान |
दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्लूआर) |
1x0 मेगावाट 1X200 मेगावाट 4X220 मेगावाट |
1080 मेगावाट |
16 दिसंबर 1973 |
मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन (एमएपीएस) |
कलपक्कम, चेन्नई जिला, तमिलनाडु |
दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्लूआर) |
2X220 मेगावाट |
440 मेगावाट |
27 जनवरी 1984 |
कैगा परमाणु ऊर्जा स्टेशन |
कैगा/कर्नाटक |
दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्लूआर) |
4x 220 मेगावाट |
880 मेगावाट |
16 नवंबर, 2000 |
नरोरा परमाणु ऊर्जा स्टेशन (एनएपीएस) |
नरौरा, जिला. बुलन्दशहर, उत्तर प्रदेश |
दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्लूआर) |
2X 220 मेगावाट |
440 मेगावाट |
1 जनवरी, 1991 |
काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (केएपीएस) |
काकरापार, सूरत जिला, गुजरात |
दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्लूआर) |
2X 220 मेगावाट 2X700 मेगावाट |
1840 मेगावाट |
6 मई 1993 |
कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा स्टेशन (केएपीएस) |
कुडनकुलम, तिरुनेलवेली जिला, तमिलनाडु |
वीवीईआर / दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर |
2X1000 मेगावाट |
2000 मेगावाट |
31 दिसंबर 2014 |
कुल |
24 रिएक्टर |
8080 मेगावाट |