भारतीय रिज़र्व बैंक(आरबीआई) ने 28 मई 2024 को तीन प्रमुख पहल शुरू कीं: प्रवाह पोर्टल, खुदरा निवेशकों के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में खरीदने और बेचने के लिए एक मोबाइल ऐप और एक फिनटेक रिपोजिटरी। इन तीन पहलों की शुरुआत आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मुंबई, महाराष्ट्र में की।
प्रवाह पोर्टल के बारे में
- प्रवाह (नियामक अनुप्रयोग, सत्यापन और प्राधिकरण के लिए मंच) एक केंद्रीकृत वेब-आधारित पोर्टल है जो व्यक्तियों या संस्थाओं को रिज़र्व बैंक से प्राधिकरण, लाइसेंस या नियामक अनुमोदन प्राप्त करने के लिए एक सुरक्षित मंच प्रदान करता है।
- एक व्यक्ति या इकाई आरबीआई के विभिन्न नियामक और पर्यवेक्षी विभागों को कवर करते हुए 60 आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा कर सकते हैं।
- आवेदक अपने आवेदन को ऑनलाइन ट्रैक भी कर सकते हैं, अपने आवेदन की स्थिति की निगरानी कर सकते हैं और समयबद्ध तरीके से आरबीआई से निर्णय प्राप्त कर सकते हैं।
सरकारी प्रतिभूतियों में व्यापार के लिए व्यक्तिगत निवेशकों के लिए मोबाइल ऐप
आरबीआई गवर्नर ने खुदरा निवेशकों के लिए सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया।
- 2021 में आरबीआई ने खुदरा निवेशकों को प्राथमिक और द्वितीयक बाजार दोनों में सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) में निवेश करने की अनुमति दी।
- इसके लिए खुदरा निवेशकों को आरबीआई के साथ एक गिल्ट सिक्योरिटीज खाता, अर्थात् रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (आरडीजी) खाता खोलना होता है।
- प्राथमिक बाजार में, निवेशक केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों, राज्य सरकार की प्रतिभूतियों और ट्रेजरी बिल (टी-बिल) में न्यूनतम 10,000 रुपये और 10,000 रुपये के गुणक में निवेश कर सकते है।
- सरकारी प्रतिभूतियाँ भारत सरकार की ओर से आरबीआई के द्वारा जारी किए गए बांड हैं। बांड ऋण पैदा करने वाले उपकरण हैं जो जारीकर्ता पर कर्ज पैदा करते हैं।
- यदि सरकारी प्रतिभूतियों की अवधि एक वर्ष से कम है, तो उन्हें ट्रेजरी बिल (टी-बिल) कहा जाता है। टी-बिल केवल भारत सरकार ही जारी कर सकती है।
- यदि भारत सरकार द्वारा जारी सरकारी प्रतिभूतियों की अवधि एक वर्ष या उससे अधिक है, तो उन्हें दिनांकित प्रतिभूतियाँ(डटेड प्रतिभूतियाँ) कहा जाता है।
- राज्य सरकार द्वारा बाजार से उधार लेने के लिए जारी किए गए बांड को राज्य विकास ऋण कहा जाता है। राज्य सरकार केवल दिनांकित प्रतिभूतियाँ जारी कर सकती है।
फिनटेक रिपॉजिटरी
- फिनटेक रिपॉजिटरी भारतीय फिनटेक कंपनियों पर डेटा का एक भंडार होगा जो फिनटेक संस्थाओं, उनकी गतिविधियों, प्रौद्योगिकी उपयोग आदि के बारे में आवश्यक जानकारी रखेगा।
- यह विनियमित और अनियमित दोनों फिनटेक के बारे में जानकारी रखेगा।
- आरबीआई द्वारा विनियमित फिनटेक (बैंक और एनबीएफसी) के लिए एक अलग एमटेक रिपॉजिटरी लॉन्च की जा रही है। यह उभरती प्रौद्योगिकियों (जैसे जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, क्वांटम, इत्यादि) को अपनाने वाले इन फिनटेक के बारे में जानकारी रखेगा।
- फिनटेक और एमटेक रिपोजिटरीज़ सुरक्षित वेब-आधारित एप्लिकेशन हैं जो आरबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) द्वारा प्रबंधित की जाएगी ।
- फिनटेक या वित्तीय प्रौद्योगिकी उन कंपनियों को संदर्भित करती है जो बैंकिंग, बीमा, पेंशन आदि जैसी वित्तीय सेवाओं के वितरण में सुधार के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करती हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के तहत की गई थी।
इसने 1 अप्रैल 1935 को अपना कामकाज शुरू किया।
यह भारत में शीर्ष मौद्रिक और नियामक निकाय है।
यह भारत में बैंकिंग क्षेत्र को नियंत्रित करता है, मुद्रा नोट जारी करता है और देश की विदेशी मुद्रा का संरक्षक है।
मुख्यालय: मुंबई
गवर्नर: शक्तिकांत दास