निया की दूसरी सबसे बड़ी भुगतान प्रसंस्करण कंपनी मास्टरकार्ड ने रजनीश कुमार को मास्टरकार्ड इंडिया का अध्यक्ष नियुक्त किया है। रजनीश कुमार 2020 में भारत के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।
रजनीश कुमार , एसबीआई में लगभग चार दशकों तक सेवारत थे । उन्होंने भारत, ब्रिटेन और कनाडा में बैंक के महत्वपूर्ण परिचालनों के प्रबंधन में विभिन्न नेतृत्वकारी भूमिकाएँ निभाईं। उन्हें एसबीआई के योनो ( YONO) प्लेटफॉर्म का नेतृत्व करने के लिए भी व्यापक रूप से श्रेय दिया जाता है।
मास्टरकार्ड के अनुसार , वह भारत को एक प्रमुख विकास बाजार के रूप में देखता है।भारत को एक और प्रौद्योगिकी केंद्र बनाने और डिजिटल भुगतान में नवाचार का समर्थन करने के लिए उसने 2014 से देश में 2 बिलियन डॉलर का निवेश किया है।
यह एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी है जिसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है, कार्ड भुगतान प्रसंस्करण के व्यवसाय में है। यह वीसा(VISA) के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कार्ड भुगतान प्रसंस्करण कंपनी है। दुनिया की अन्य महत्वपूर्ण भुगतान प्रसंस्करण कंपनियां अमेरिकन एक्सप्रेस, डिस्कवर और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा विकसित रुपे हैं।
भुगतान प्रसंस्करण कंपनी पैसे कैसे कमाती है?
मास्टरकार्ड वित्तीय संस्थानों जैसे बैंक के साथ एक साझेदारी करता है जिसमे बैंक अपने उपभोक्ताओं को मास्टरकार्ड-ब्रांडेड कार्ड जारी करते हैं।
उपभोक्ता मास्टरकार्ड स्वीकार करने वाले मर्चेंट आउटलेट्स पर खरीदारी या भुगतान करने के लिए मास्टरकार्ड ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड या डेबिट का उपयोग करता है। उपभोक्ता द्वारा किए गए भुगतान ,मास्टरकार्ड द्वारा अपने सुरक्षित स्वामित्व नेटवर्क के माध्यम से संसाधित किया जाता है।
वित्तीय संस्थान अपने उपभोक्ता द्वारा किए गए प्रत्येक भुगतान के लिए इस्तेमाल की गई मास्टरकार्ड कार्ड के बदले मास्टरकार्ड को एक शुल्क देती है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि वीजा, मास्टरकार्ड, रुपे जैसी भुगतान प्रसंस्करण कंपनियां क्रेडिट या डेबिट कार्ड जारी नहीं कर सकते हैं। भारत में ,कार्ड केवल आरबीआई द्वारा अधिकृत बैंक या एनबीएफसी द्वारा जारी किए जा सकते हैं।