प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जनवरी 2025 को मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले के सोनमर्ग इलाके के गगनगीर में जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया। यह सुरंग केंद्र सरकार की भारत-चीन सीमा सड़क पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य उत्तरी और पूर्वोत्तर सीमा पर सड़क अवसंरचना का निर्माण करना है।
इस सुरंग के बनने से इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलने और श्रीनगर और लद्दाख के बीच निर्बाध संपर्क प्रदान करने की भी उम्मीद है।
ज़ेड-मोड़ सुरंग या सोनमर्ग सुरंग के बारे में
ज़ेड-मोड़ सुरंग समुद्र तल से 8,652 फीट की ऊँचाई पर स्थित है।
- 6.5 किलोमीटर लंबी दो लेन वाली सुरंग श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाई गई है जो गगनगीर को कश्मीर के गंदेरबल जिले के सोनमर्ग शहर से जोड़ती है।
- इसे ज़ेड-मोड़ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह सड़क के ज़ेड-आकार के हिस्से को बायपास करती है। यह सुरंग हिमस्खलन-प्रवण मार्ग के उस हिस्से को बायपास करती है जो सर्दियों के महीनों में भारी बर्फबारी के कारण अवरुद्ध हो जाता है।
- इस खंड से यात्रा का समय अब दो घंटे से घटकर सिर्फ़ 15 मिनट रह जाएगा।
- 2,400 करोड़ की लागत वाली ज़ेड-मोड़ सुरंग का निर्माण मई 2015 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के तहत शुरू हुआ था।
- यह सुरंग व्यापक ज़ोजी ला सुरंग परियोजना का हिस्सा है जिसका उद्देश्य श्रीनगर और लद्दाख के बीच चौबीसों घंटे सड़क पहुँच प्रदान करना है।
- परियोजना पर काम मई 2015 में शुरू हुआ और 2024 में पूरा हुआ। सुरंग को फरवरी 2024 में खोल दिया गया था लेकिन इसका ओपचारिक उद्घाटन प्रधान मंत्री द्वारा अभी किया गया है।
ज़ेड-मोड़ सुरंग का सामरिक महत्व
1999 में कारगिल संघर्ष के दौरान जब पाकिस्तानी सेना ने कारगिल (लद्दाख में) की पहाड़ियों पर कब्ज़ा कर लिया था, तब भारतीय सेना को अग्रिम सेना की चौकी पर सैनिकों को रसद भेजने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा था।
- भारी बर्फबारी के कारण सर्दियों के मौसम में लद्दाख देश से कटा रहता है। इन इलाकों में तैनात सैनिक हेलीकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट विमानों के ज़रिए आपूर्ति के लिए भारतीय वायुसेना पर निर्भर हैं।
- लद्दाख से निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने 14 किलोमीटर लंबी यू-आकार की ज़ोजी ला सुरंग और ज़ेड-मोड़ सुरंग परियोजना शुरू की।
- दोनों सुरंगों के पूरा हो जाने के बाद यह लद्दाख और कारगिल क्षेत्रों में भारत की रक्षा को काफ़ी मज़बूत मिलेगी।
पर्यटन और कनेक्टिविटी पर प्रभाव
- जेड-मोड़ सुरंग सोनमर्ग की नागरिक आबादी को भी लाभान्वित करेगी, क्योंकि इससे उन्हें दैनिक जरूरतों के लिए श्रीनगर और जम्मू तक निर्बाध पहुंच मिलेगी।
- इससे सोनमर्ग क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जहां पर्यटक सर्दियों में यहां आने से बचते हैं, क्योंकि उस समय इस क्षेत्र तक सड़क पहुंच अवरुद्ध हो जाती है।
- राज्य सरकार अब इस क्षेत्र में एक शानदार स्की रिसॉर्ट शुरू करने का इरादा रखती है, जिससे क्षेत्र की पर्यटन अर्थव्यवस्था को लाभ मिलने की उम्मीद है।