प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 सितंबर 2023 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से नौ वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
ये नई वंदे भारत ट्रेनें देश भर में कनेक्टिविटी में सुधार और रेल यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक कदम हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किन नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई?
- उदयपुर- जयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस
- तिरुनेलवेली-मदुरै-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस
- हैदराबाद-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस
- विजयवाड़ा-चेन्नई (रेनिगुंटा के रास्ते) वंदे भारत एक्सप्रेस
- पटना-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस
- कासरगोड-तिरुवनंतपुरम वंदे भारत एक्सेप्रेस
- राउरकेला-भुवनेश्वर-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस
- रांची-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस
- जामनगर-अहमदाबाद वंदे भारत एक्सप्रेस
देश में आधुनिक कनेक्टिविटी प्रदान करेगी वंदे भारत ट्रेन:
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में नौ वन्दे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाए जाने को देश में आधुनिक कनेक्टिविटी का एक अभूतपूर्व अवसर बताया।
- देश में बुनियादी ढांचे के विकास की यह गति और पैमाना 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं से बिल्कुल मेल खाते हैं।
अब देश में कुल 34 वंदे भारत ट्रेनें अपनी सेवा दे रही है:
- प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटित 9 और नए वंदे भारत ट्रेनों से अब देश में कुल प्रचलित वंदे भारत ट्रेनों की संख्याँ 34 हो गई है। क्योंकि 25 वंदे भारत ट्रेनें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पूर्व से ही लोगों की सेवा में है।
वंदे भारत ट्रेनों से क्या लाभ होंगे?
- वंदे भारत ट्रेनों के परिचालन से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो समय बचाना चाहते हैं। यह ट्रेन एक ही दिन में यात्रा करने वालों के लिए काफी फायदेमंद होगा।
- वंदे भारत ट्रेनों से जुड़े स्थानों पर पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
- इन ट्रेनों के परिचालन से देश में आधारभूत संरचना मजबूत होगी जिससे अन्ततः देश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय रेल के विकास के लिए किया जा रहा कार्य:
- प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि रेलवे के लिए इस वर्ष का बजट 2014 के रेल बजट से आठ गुना अधिक है। इसी तरह दोहरीकरण, विद्युतीकरण और नए मार्गों पर काम चल रहा है।
- भारत में पहली बार रेलवे स्टेशनों के विकास और आधुनिकीकरण का अभियान आरंभ किया गया है।
- देश में रेल यात्रियों की सुविधा के लिए रिकॉर्ड संख्या में फुट ओवर ब्रिज, लिफ्ट और एस्केलेटर का निर्माण किया जा रहा है।
- अभी कुछ दिन पहले ही देश के 500 से ज्यादा बड़े स्टेशनों के पुनर्विकास का काम शुरू किया गया था।
- अमृत काल के दौरान बनाए गए इन नए स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन कहा जाएगा। आने वाले समय में ये स्टेशन नए भारत की पहचान बनेंगे।
- रेलवे ने रेलवे स्टेशन की स्थापना का 'स्थापना दिवस' मनाना आरंभ कर दिया है, प्रधानमंत्री ने कोयंबटूर, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और मुंबई में आयोजित समारोहों का उल्लेख किया। कोयम्बटूर रेलवे स्टेशन ने 150 साल पूरे कर लिए हैं।
- उन्होंने कहा, "अब रेलवे स्टेशनों का जन्मदिन मनाने की इस परंपरा को और विस्तार दिया जाएगा और अधिक से अधिक लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा।
- वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, हर राज्य और हर राज्य के लोगों का विकास आवश्यक है। इस राह में भारतीय रेल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
वंदे भारत ट्रेनों से संबधित महत्वपूर्ण तथ्य:
- प्रधानमंत्री द्वारा आरंभ किए गए ये नौ ट्रेनें 11 राज्यों - राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, ओडिशा, झारखंड और गुजरात में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगी।
- ये वंदे भारत ट्रेनें अपने संचालन के रूटों पर सबसे तेज गति से दौड़ेंगी और यात्रियों के समय में काफी बचत करेंगी।
- रूट पर मौजूदा सबसे तेज ट्रेनों की तुलना में ये अपेक्षाकृत कम समय में सफर तय करेंगी।
- देश के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की कनेक्टिविटी में सुधार करने के प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप तीर्थस्थल केंद्र तक कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
- इन वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत से देश में रेल सेवा के एक नए मानक की शुरुआत होगी। विश्व स्तरीय सुविधाओं और कवच तकनीक सहित उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित ये ट्रेनें आम लोगों, पेशेवरों, व्यापारियों, छात्रों और पर्यटकों को यात्रा के आधुनिक, त्वरित और आरामदायक साधन प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होंगी।