प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी पॉडकास्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) शोधकर्ता लेक्स फ्रिडमैन के साथ तीन घंटे का लंबा साक्षात्कार 16 मार्च 2025 को प्रसारित किया गया। यह पॉडकास्ट इस साल फरवरी में भारत में रिकॉर्ड किया गया था।
पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री मोदी के बचपन, हिमालय में उनके अनुभव और उनकी राजनीतिक यात्रा जैसे विषयों को शामिल किया गया। इसमें अलावा भारत सरकार की डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया जैसी पहलों और एआई में देश की प्रगति पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
पॉडकास्ट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में लोकतंत्र, गरीबी, नेतृत्व, कूटनीति, पाकिस्तान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, चीन और 2002 के गुजरात दंगों सहित कई तरह के विषयों पर बात की।
पॉडकास्ट के दौरान लेक्स फ्रिडमैन ने अंग्रेजी भाषा में सवाल पूछे जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी में जवाब दिए। लेक्स फ्रिडमैन और प्रधानमंत्री मोदी की सुविधा के लिए एक दुभाषिया द्वारा उनके सवाल औए जबाब को अनुवाद किया गया।
लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट प्रधानमंत्री मोदी का दूसरा पॉडकास्ट था।
इससे पहले जनवरी 2025 में वे उद्यमी और जीरोधा के संस्थापक निखिल कामथ के साथ पॉडकास्ट में नज़र आए थे।
निखिल कामथ के साथ हुए पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर में बिताए अपने बचपन को याद किया।
प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कंपनी ट्रंप मीडिया के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सोशल ट्रुथ से भी जुड़े।
ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर किए गए पोस्ट को 'ट्रुथ्स' (Truths) कहा जाता है।
ट्रुथ के लिए अपने पहले पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी तस्वीर साझा की।
दूसरे पोस्ट में उन्होंने लेक्स फ्रिडमैन के साथ अपने पॉडकास्ट का लिंक साझा किया।
लेक्स फ्रिडमैन का जन्म ताजिकिस्तान में हुआ था और जब वे 11 साल के थे, तब उनका परिवार संयुक्त राज्य अमेरिका चला गया था।
वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में विशेषज्ञता वाले एक कंप्यूटर वैज्ञानिक हैं।
उन्होंने गूगल के साथ मशीन लर्निंग शोधकर्ता के रूप में काम किया और बाद में प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में शामिल हो गए।
उन्होंने 2018 में एआई पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपना पॉडकास्ट शुरू किया।
जल्द ही उनका पॉडकास्ट लोकप्रिय हो गया और उन्होंने व्यवसायी एलोन मस्क (चार बार), अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई प्रसिद्ध शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं की मेजबानी की है।