प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 जनवरी 2025 को भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में मिशन मौसम का शुभारंभ किया। मिशन का उद्देश्य मौसम और जलवायु संबंधी विज्ञान में भारत की अनुसंधान और विकास क्षमता को मजबूत करना और देश को मौसम के प्रति तैयार और जलवायु-स्मार्ट राष्ट्र बनाना है।
आईएमडी की स्थापना ब्रिटिश भारत सरकार ने 15 जनवरी 1875 को की थी।
इस समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने आईएमडी के 150वें वर्ष के उपलक्ष्य में केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी 150 रुपये का स्मारक सिक्का भी जारी किया।
उन्होंने आईएमडी का 20247 विजन दस्तावेज भी जारी किया, जिसमें 2047 तक देश के लिए मौसम संबंधी लचीलापन और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए रोडमैप की रूपरेखा दी गई है। मोदी सरकार ने 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना भारत में ब्रिटिश सरकार द्वारा 1875 में कोलकाता में की गई थी, जिसके तहत देश की सभी मौसम विज्ञान वेधशालाओं को एक केंद्रीय प्राधिकरण के अधीन लाया गया।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग देश का राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा प्रदाता है और मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
इसके अन्य कार्य हैं;
आईएमडी का मुख्यालय: नई दिल्ली
महानिदेशक: डॉ. मृत्युंजय महापात्रा
मिशन मौसम को 11 सितंबर 2024 को एक बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था।
मिशन को केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा अपने तीन प्रमुख संस्थानों - भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी),नई दिल्ली, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे और राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र, नोएडा के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है।
मिशन की अवधि 2 वर्ष है और इसका परिव्यय 2000 करोड़ रुपये है।
मिशन का मुख्य उद्देश्य वायुमंडलीय विज्ञान, विशेष रूप से मौसम निगरानी, मॉडलिंग, पूर्वानुमान और प्रबंधन में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना है।
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