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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 13,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय योजना 'पीएम विश्वकर्मा' को दी मंजूरी

Utkarsh Classes Last Updated 20-01-2024
Union Cabinet approves Rs 13,000 crore central scheme 'PM Vishwakarma' Government Scheme 4 min read

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 16 अगस्त 2023 को पांच वर्ष (वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28) हेतु 13,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय से केंद्रीय क्षेत्र की नई योजना "पीएम विश्वकर्मा" को मंजूरी दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से 15 अगस्त 2023 को अपने संबोधन में आने वाले दिनों में 'विश्वकर्मा योजना' आरंभ करने की घोषणा की थी।

  • विश्वकर्मा योजना पारंपरिक शिल्प कौशल में कुशल व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए तैयार की गई है।

विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना' या 'पीएम विकास योजना: 

  • विश्वकर्मा योजना का पूरा नाम पीएम 'विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना' या 'पीएम विकास योजना' (PM Vishwakarma Kaushal Samman Yojana - PM VIKAS) है।

विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य:

  • इस योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों व शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित पेशे को मजबूत करना और बढ़ावा देना है। 
  • इस योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों व सेवाओं की पहुंच के साथ गुणवत्ता में सुधार करना।
  • इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि विश्वकर्मा घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ जुड़ सकें।

योजना के तहत वित्तीय प्रोत्साहन:

  • पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और पहचानपत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी।
  • अधिकतम 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक ऋण सहायता प्रदान की जाएगी।
  • इस योजना के तहत बाद में कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान की जाएगी।

30 लाख विश्वकर्मा परिवारों को लाभ:

  • इस योजना के संचालन से देशभर के करीब 30 लाख विश्वकर्मा परिवारों को लाभ प्राप्त हो सकेगा। यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों व शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी।

प्रथम चरण में अठारह पारंपरिक व्यवसाय शामिल:

  • पीएम विश्वकर्मा के तहत पहले चरण में अठारह पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया जाएगा।
  • इन व्यवसायों में बढ़ई (सुथार); नाव निर्माता; अस्त्र बनाने वाला; लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता; ताला बनाने वाला; गोल्डस्मिथ (सुनार); कुम्हार; मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला, पत्थर तोड़ने वाला); मोची (चर्मकार)/जूता कारीगर; मेसन (राजमिस्त्री); टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/जूट बुनकर; गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक); नाई; माला बनाने वाला; धोबी; दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला शामिल हैं।

विश्वकर्मा पूजा पर योजना का शुभारंभ:

  • आम बजट 2023 में उल्लिखित 'विश्वकर्मा योजना' को 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर आरंभ किया जाएगा।
  • इस योजना के तहत कुशल कारीगरों को एमएसएमई से भी जोड़ा जाएगा, जिससे कि उन्हें और बेहतर बाजार प्राप्त हो सके।
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