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परमाणु क्षमता संपन्न अग्नि-4आईआरबीएम प्रक्षेपास्र का सफल परीक्षण

Utkarsh Classes Last Updated 09-09-2024
Nuclear-Capable Agni-4 IRBM Missile Successfully Tested Defence 3 min read

डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) द्वारा विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली प्रक्षेपास्र अग्नि-4 का 6 सितंबर 2024 को ओडिशा के चांदीपुर में स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। यह अग्नि- 4 प्रक्षेपास्र नौवां परीक्षण तथा परमाणु-सक्षम मध्यवर्ती दूरी की बैलिस्टिक प्रक्षेपास्र (आईआरबीएम) है । 

यह परीक्षण स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड (सामरिक बल कमान) के तहत एक उपयोगकर्ता परीक्षण था। भारत के सभी परमाणु हथियार स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड के अधीन हैं। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-4 प्रक्षेपास्र  स्ट्रैटजिक फोर्स कमांड के अंतर्गत आएगी।

अग्नि-4 प्रक्षेपास्र का विकास 

डीआरडीओ ने 2007 में अग्नि-4 प्रक्षेपास्र विकास कार्यक्रम शुरू किया था। इस प्रक्षेपास्र को विकसित करने का मुख्य लक्ष्य भारत के चीन और पाकिस्तान के खिलाफ परमाणु निरोध क्षमता को मजबूत करना है।

अब तक इस प्रक्षेपास्र का नौ परीक्षण हो चुका है।

अग्नि-4 प्रक्षेपास्र का पहला परीक्षण 10 दिसंबर 2010 को हुआ था, जो असफल रहा था।

स्ट्रैटेजिक फ़ोर्स कमांड का पहला उपयोगकर्ता परीक्षण 2 दिसंबर 2014 को हुआ और यह सफल रहा था।

सितंबर 2024 में हुए परीक्षण, सामरिक बल कमान के तहत पांचवां उपयोगकर्ता परीक्षण था।

अग्नि-4 प्रक्षेपास्र की तकनीकी विशिष्टता 

अग्नि-4 दो चरणों वाली, ठोस ईंधन वाली, मध्यम दूरी की बैलिस्टिक प्रक्षेपास्र (आईआरबीएम) है।

यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 4000 किमी तक है।

मिसाइल का वजन 17,000 किलोग्राम है और इसे रोड-मोबाइल लॉन्चर से प्रक्षेपित  किया जा सकता है।

यह  प्रक्षेपास्र 20 मीटर लंबा है यह और पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है।

यह प्रक्षेपास्र 1000 किलोग्राम तक का बम ले जा सकता है।

मारक क्षमता के आधार पर प्रक्षेपास्र के प्रकार 

सतह से सतह पर मार करने वाली प्रक्षेपास्र को मारक क्षमता के आधार पर  छोटी दूरी, मध्यम दूरी, मध्यवर्ती दूरी  और अंतरमहाद्वीपीय दूरी  के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

हालांकि मारक क्षमता  के आधार पर प्रक्षेपास्र  के वर्गीकरण पर कोई अंतरराष्ट्रीय सहमति नहीं है। संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण मामलों के कार्यालय के अनुसार, प्रक्षेपास्र का सबसे प्रचलित वर्गीकरण इस प्रकार है:

  • छोटी दूरी: 1000 किमी तक
  • मध्यम दूरी: 1000 किमी से 3000 किमी. 
  • मध्यवर्ती दूरी की बैलिस्टिक प्रक्षेपास्र: 3000-5,500 किमी
  • अंतर-महाद्वीपीय दूरी की बैलिस्टिक प्रक्षेपास्र (आईसीबीएम): 5,500 किमी से अधिक।

डीआरडीओ अध्यक्ष: डॉ. समीर वी. कामथ

फुल फॉर्म  

  • आईआरबीएम /IRBM : इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल ( Intermediate Range Ballistic Missile)
  • एसएफ़सी /SFC : स्ट्रैटेजिक फ़ोर्स कमांड (Strategic Forces Command)
  • आईसीबीएम/ICBM : इंटर कॉन्टिनेन्टल बैलिस्टिक मिसाइल (Inter-Continental Ballistic Missile)

FAQ

उत्तर: अग्नि-4

उत्तर: 4000 किलोमीटर तक।

उत्तर: ओडिशा के बालासोर जिले में स्थित चांदीपुर द्वीप

उत्तर : सतह से सतह पर मार करने वाली प्रक्षेपास्र।

उत्तर: स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड (सामरिक बल कमान)

उत्तर: इंटरमीडिएट
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