भारतीय सेना की उत्तरी कमान ने स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित अस्मि मशीन पिस्तौल को सफलतापूर्वक शामिल किया। अस्मि मशीन पिस्तौल का निर्माण हैदराबाद स्थित लोकेश मशीन लिमिटेड द्वारा किया गया है।
इससे पहले, कंपनी ने भारतीय सेना की उत्तरी कमान को 550 स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित अस्मि सबमशीन गन सफलतापूर्वक वितरित की थीं।
अस्मि सबमशीन गन और मशीन पिस्तौल का भारतीय सेना में शामिल होना भारतीय सेना की आत्मनिर्भर भारत अभियान और स्वदेशी रक्षा उद्योग को समर्थन के प्रति प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
अस्मि, अस्मिता का संक्षिप्त रूप है, जिसका हिंदी में अर्थ होता है गौरव। भारतीय सेना के कर्नल प्रसाद बंसोड़ ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ साझेदारी में इस हथियार को डिजाइन किया है।
विनिर्माण उद्देश्यों के लिए प्रौद्योगिकी को लोकेश मशीन लिमिटेड को हस्तांतरित किया गया था।
इस हथियार का उत्पादन , लोकेश मशीन लिमिटेड द्वारा तेलंगाना के मेडक जिले में स्थित अपनी टूरपैन कारखाने में किया गया था।
अस्मि पिस्तौल को नजदीकी लड़ाई और आतंकवादियों और विद्रोहियों के खिलाफ चलाए जाने वाले विशेष अभियानों के लिए भारतीय सेना की विशिष्टताओं के अनुसार डिजाइन किया गया है।
हथियार को मशीन पिस्तौल इसलिये कहा जाता है क्योंकि इसका उपयोग पिस्तौल या सबमशीन गन दोनों के रूप में किया जा सकता है और इसे केवल एक हाथ से संचालित किया जा सकता है।
हथियार की यह दोहरी विशेषता इसके अद्वितीय सेमी-बुलपप डिज़ाइन के कारण हैअपने अनूठे बुलपप डिज़ाइन के कारण, अस्मि मशीन पिस्तौल की बैरल लंबाई को कम किए बिना इसकी कुल लंबाई को काफी कम किया जा सकता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के ट्रेजरी विभाग (वित्त मंत्रालय) ने यूक्रेन में रूस के युद्ध प्रयासों को कथित समर्थन के आरोप में लोकेश मशीन्स लिमिटेड सहित 15 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये 15 भारतीय कंपनियां चीन, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड और तुर्किये की उन 275 व्यक्तियों और कंपनियों में शामिल हैं, जिन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूक्रेन में रूस के युद्ध प्रयासों का समर्थन करने के लिए रूस को उन्नत तकनीक और मशीनों की आपूर्ति दें कका आरोप लगाया है।
लोकेश मशीन लिमिटेड की स्थापना 1983 में हैदराबाद में हिंदुस्तान मशीन टूल्स (एचएमटी) के पूर्व कर्मचारी एम. लोकेश्वर राव द्वारा की गई थी। कंपनी सीएनसी (कंप्यूटर संख्यात्मक नियंत्रण) मशीनें बनाती है। बाद में कंपनी ने अपने व्यवसाय में विविधता लाते हुए, छोटे हथियारों के निर्माण का कारोबार शुरू किया।
कंपनी 2011 से रूस को सीएनसी मशीनें निर्यात कर रही है और उसने रूसी रक्षा क्षेत्रों में इस्तेमाल की जा सकने वाली किसी भी मशीन के निर्यात से इनकार किया है।