नित्यानंद राय यूएनटीओसी की इटली के पलेरमो सम्मेलन में शामिल हुए
Utkarsh Classes
30-09-2023
Summit and Conference
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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय 29 सितंबर 2023 को यूनाइटेड नेशन्स कन्वेंशन अगेंस्ट ट्रांसनेशनल ओर्गनाइज्ड क्राइम (यूएनटीओसी) सम्मेलन की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर इटली के पलेरमो में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में शामिल हुए।
यूएनटीओसी सम्मेलन का आयोजन:
इस मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का आयोजन इटली सरकार और यूनाइटेड नेशन्स ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम सचिवालय द्वारा किया गया।
सम्मेलन का विषय: ‘विधिक और न्यायिक उपकरण, राष्ट्रीय कार्रवाइयां और चुनौतियाँ’
संगठित अपराधों से लड़ने हेतु वैश्विक एकता आवश्यक:
नित्यानंद राय ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का आह्वान उल्लेख करते हुए कहा है कि 'जब खतरे वैश्विक हों तो प्रतिक्रिया सिर्फ स्थानीय स्तर की नहीं हो सकती', इन खतरों को परास्त करने के लिए दुनिया को एक जुट होना होगा।
भारत सभी प्रकार के संगठित अपराधों से लड़ने और उन्हें जड़ से उखाड़ने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त करता है।
वर्तमान में संगठित अपराध एक प्रमुख वैश्विक खतरे का प्रतीक है। संगठित अपराधियों ने अपने नेटवर्क को तेजी से बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रही उन्नति का लाभ उठाया है। इसमें प्रमुख:
हथियारों की अवैध तस्करी,
मादक पदार्थों की तस्करी,
संगठित साइबर अपराध,
मनाव तस्करी,
भ्रष्टाचार,
धन शोधन तथा
अपराध के जरिये कमाए गए धन के अंतर्राष्ट्रीय वितरण द्वारा उत्पन्न गंभीर चुनौतियाँ शामिल हैं।
संगठित अपराध, आतंकवाद और आतंक के वित्तपोषक हैं:
वर्तमान में संगठित अपराध भी आतंकवाद और आतंक के वित्तपोषण के एक प्रमुख स्रोत के रूप में उभरा है।
संगठित अपराध नेटवर्क का अक्सर आतंकवादी संगठनों से गहरा संबंध होता है।
धन शोधन और वित्तीय अपराध जैसी गतिविधियाँ आतंकी फंडिंग में सहायता पहुँचाने के लिए जानी जाती हैं।
धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग):
धन शोधन से तात्पर्य अवैध तरीके से कमाए गए काले धन को वैध तरीके से कमाए गए धन के रूप में परिवर्तित करना है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ):
एफएटीएफ धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसे वित्तीय अपराधों के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय निगरानी संस्था है।
एफएटीएफ को पेरिस में 1989 के जी7 शिखर सम्मेलन में स्थापित किया गया था।
इसका उद्देश्य सदस्य देशों द्वारा बढ़ती मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों के बारे में चिंता व्यक्त करने के बाद वैश्विक वित्तीय प्रणाली में खामियों को दूर करना।
एफएटीएफ में वर्तमान में 39 सदस्य हैं। भारत एक सदस्य देश है।
एफएटीएफ की 'ग्रे' और 'ब्लैक' सूची:
ग्रे लिस्ट: जिन देशों को आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का समर्थन करने के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में स्वीकार किया जाता है, उन्हें ग्रे लिस्ट में डाल दिया जाता है। यह देश के लिए एक चेतावनी के रूप में कार्य करता है कि वह ब्लैकलिस्ट में प्रवेश कर सकता है।
एफएटीएफ की निगरानी सूची में अल्बानिया, बारबाडोस, जिब्राल्टर, हैती, जमैका, जॉर्डन, माली, मोरक्को, बुर्किना फासो, कंबोडिया, केमैन आइलैंड्स, निकारागुआ, म्यांमार, पाकिस्तान, पनामा, फिलीपींस, सेनेगल, दक्षिण सूडान, सीरिया, तुर्की, युगांडा, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल थे।
हालांकि अब इसमें से पाकिस्तान को ग्रे सूची से हटा दिया गया है और म्यानमार को ब्लैक लिस्ट में डाला गया है।
ब्लैक सूची: जो देश आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों का समर्थन कर रहे हैं, उन्हें ब्लैकलिस्ट में रखा जाता है।
इस सम्मेलन को 15 नवंबर 2000 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक प्रस्ताव द्वारा अपनाया गया था। भारत 12 दिसंबर 2002 को इसमें शामिल हुआ।
यह कन्वेंशन 29 सितंबर 2003 को लागू हुआ। पलेर्मो (इटली) के मेयर लिओलुका ऑरलैंडो के अनुसार, यह कन्वेंशन अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध, मानव तस्करी और आतंकवाद से लड़ने वाला पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन था।
इसके कुल 147 देश हस्ताक्षरकर्ता देश शामिल हैं।
FAQ
Answer - इटली
Answer - नित्यानंद राय (केंद्रीय गृह राज्य मंत्री)
Answer - विधिक और न्यायिक उपकरण, राष्ट्रीय कार्रवाइयां और चुनौतियाँ
Answer - इटली सरकार और यूनाइटेड नेशन्स ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम सचिवालय
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