राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी),भोपाल को एक वर्ष के लिए श्रेणी ए रिंडरपेस्ट होल्डिंग सुविधा का दर्जा दिया गया है। एनआईएचएसएडी की मान्यता संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफ़एओ) और विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूओएएच) द्वारा प्रदान की गई है।
एनआईएचएसएडी को 29 मई 2025 को पेरिस, फ्रांस में आयोजित डबल्यूओएएच के 92वें आम सत्र के दौरान मान्यता का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। पेरिस में हुई बैठक में डबल्यूओएएच के 183 सदस्य देशों ने भाग लिया।
रिंडरपेस्ट एक संक्रामक वायरल बीमारी है जो खुर वाले जानवरों (मुख्य रूप से मवेशी और भैंस) को संक्रमित करती है।
इसकी मृत्यु दर लगभग 100% थी और इसे कभी मवेशी प्लेग भी कहा जाता था।
2011 में, इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया और रिंडरपेस्ट पृथ्वी से खत्म होने वाला पहला पशु रोग है।
हालांकि, शोध उद्देश्यों के लिए, रिंडरपेस्ट वायरस-युक्त सामग्री दुनिया की कुछ प्रयोगशालाओं में रखी जाती है।
एनआईएचएसएडी, दुनिया की उन कुछ प्रयोगशालाओं में से एक बन गई है, जो एक साल तक रिंडरपेस्ट वायरस-युक्त सामग्री को बनाए रख सकती है।
राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) का एक शोध संस्थान है।
मुख्यालय- भोपाल, मध्य प्रदेश
विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूओएएच) की स्थापना 1924 में ऑफिस इंटरनेशनल डेस एपिज़ूटीज़ (ओआईई) के रूप में की गई थी।
2003 में इसका नाम बदलकर विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूओएएच) कर दिया गया।
मुख्यालय - पेरिस, फ्रांस
सदस्य -183 देश