केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव को सर्वसम्मति से इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) का अध्यक्ष चुना गया है। भूपेंद्र यादव को 16 जून 2025 को नई दिल्ली में आयोजित आईबीसीए की सभा की पहली बैठक में आईबीसीए का अध्यक्ष चुना गया।
आईबीसीए, भारत की एक पहल है जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल 2023 को कर्नाटक के मैसूर में प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में की थी।
आईबीसीए 95 बड़े बिल्ली रेंज देशों, गैर-रेंज देशों, संरक्षण भागीदारों और बड़े बिल्ली संरक्षण में लगे वैज्ञानिक संगठनों का एक बहुराष्ट्रीय/बहु एजेंसियों वाला गठबंधन है। इसमें वो व्यावसायिक समूह और निगम भी शामिल हैं जो इस तरह के संरक्षण प्रयासों को प्रायोजित और वित्तपोषित करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस 23 जनवरी 2025 को अस्तित्व में आया, जब इसके रूपरेखा समझौते को न्यूनतम आवश्यक देशों द्वारा अनुमोदित कर दिया जाएगा।
आईबीसीए की सभा की पहली बैठक 16 जून 2025 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी और इसकी अध्यक्षता भूपेन्द्र यादव ने की।
आईबीसीए की सभा ,आईबीसीए की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है और आईबीसीए समझौते की पुष्टि करने वाले सदस्य देश इस बैठक में भाग लेते हैं।
आईबीसीए की सभा की पहली बैठक में,आईबीसीए के पहले अध्यक्ष, महानिदेशक का चुनाव किया गया , असेंबली की प्रक्रिया के नियमों को अपनाया गया,आईबीसीए के बजट को मंजूरी दी गई ,आदि।
भारत के एस.पी. यादव को आईबीसीए का महानिदेशक चुना गया।
बैठक में शामिल सदस्य
वर्तमान में नौ देशों - भारत, भूटान, गिनी, लाइबेरिया, सूरीनाम, कंबोडिया, एस्वातिनी, सोमालिया और कजाकिस्तान- ने आईबीसीए फ्रेमवर्क की पुष्टि की है और इस संगठन के सदस्य हैं।
इन सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व उनके मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों द्वारा किया गया।
इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) की औपचारिक स्थापना भारत सरकार द्वारा मार्च 2024 में की गई थी।
आईबीसीए , केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के अधीन है।
आईबीसीए का सचिवालय- स्थायी सचिवालय भारत में स्थापित किया जाएगा।
आईबीसीए का उद्देश्य