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एनईएचएचडीसी ने गुवाहाटी में अष्टलक्ष्मी हाट और अनुभव केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
NEHHDC Plans To Set Up Ashtlaxmi Haat & Experience Centre In Guwahati State news 4 min read

उत्तर पूर्वी हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम (एनईएचएचडीसी) द्वारा गुवाहाटी में अष्टलक्ष्मी हाट और अनुभव केंद्र की स्थापना की जाएगी।

गुवाहाटी में अष्टलक्ष्मी हाट और अनुभव केंद्र:  

  • एनईएचएचडीसी 7.6 करोड़ रुपए की परियोजना लागत से गुवाहाटी में अष्टलक्ष्मी हाट और अनुभव केंद्र की स्थापना कर रहा है। 
  • इस हाट में 24 स्थायी स्टॉल होंगे, जो सभी पूर्वोत्तर राज्यों के कारीगरों को बाजार तक पहुंच प्रदान करेंगे। 
  • इसके तहत, बाहर के राज्यों के कारीगरों को आवास प्रदान करने के लिए एक कारीगर निवास भी की भी स्थापना की जाएगी।

ईआरआई रेशम कताई संयंत्र की स्थापना:  

  • एनईएचएचडीसी, 14.92 करोड़ रुपए की परियोजना लागत से इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क, मुशालपुर, बक्सा (असम) में एक ईआरआई रेशम कताई संयंत्र स्थापित कर रहा है।
  • इसमें 375 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 25,003 परिवारों को अप्रत्यक्ष आजीविका प्रदान करने की क्षमता है।
  • इस संयंत्र के चालू होने के बाद प्रतिदिन 450 किलोग्राम इरी (ईआरआई) सिल्क यार्न का उत्पादन किया जा सकेगा।

14.92 करोड़ रुपए की लागत से  क्षेत्र में बाजार विकास:  

  • एनईएचएचडीसी द्वारा 14.92 करोड़ रुपए की परियोजना लागत के साथ डिजिटलीकरण, प्रमाणीकरण और ट्रेसबिलिटी की क्षमता के साथ बाजार का विकास किया जा रहा है। इसमें उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) के 7 राज्यों (सिक्किम को छोड़कर) में से 10,000 बुनकरों को बाजार की सुविधा प्रदान की जाएगी। 
  • अनुमान है कि एनईएचएचडीसी के इस कदम से अगले 2-3 वर्षों में बुनकरों की आय में 20-30 प्रतिशत की वृद्धि होगी। 
  • परियोजना कार्यान्वयन के एक भाग के रूप में उत्तर पूर्वी राज्यों से 10,000 से अधिक सक्रिय हथकरघा बुनकरों को चिन्हित कर पंजीकरण किया गया है।
  • एनईएचएचडीसी ने एमएसएमई मंत्रालय की एस्पायर योजना के तहत आभूषण और हस्तशिल्प इन्क्यूबेशन सेंटर को मंजूरी दी है। इसका बजट परिव्यय 1.9 करोड़ रुपए होगा। 

उत्तर पूर्वी हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम (एनईएचएचडीसी) के बारे में: 

  • एनईएचएचडीसी कारीगरों को संभावित बाजारों तथा उपभोक्ताओं से जोड़कर और हस्तशिल्पियों के लिए आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक अवसर प्रदान करता है। यह उपभोक्ताओं के लिए सांस्कृतिक मूल्यवर्द्धन करके क्षेत्र के स्वदेशी शिल्प को विकसित करने और बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
  • एनईएचएचडीसी सभी आठ पूर्वोत्तर राज्यों के उत्पादों की श्रृंखला प्रस्तुत करता है। पूर्वोत्तर के आठ राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा हैं। 
  • यह पूरे क्षेत्र के कारीगरों और बुनकरों से हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को खरीदता है और उनकी खुदरा बिक्री करता है। 
  • इसके अतिरिक्त यह प्रदर्शनियों और व्यापार मेलों के माध्यम से विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में उत्पादों को प्रोत्साहित करता है और इसके साथ ही शिल्पियों और कलाकारों को एक मंच प्रदान करता है। 
  • निगम, कारीगरों और बुनकरों के कौशल और ज्ञान उन्नयन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और सेमिनार भी आयोजित करता है।

FAQ

Answer:- गुवाहाटी (असम)

Answer:- इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क, मुशालपुर, बक्सा (असम)

Answer:- एमएसएमई मंत्रालय की एस्पायर योजना एनईएचएचडीसी ने आभूषण और हस्तशिल्प इन्क्यूबेशन सेंटर के स्थापना को मंजूरी दी है।
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