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राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस

Utkarsh Classes Last Updated 17-01-2024
National Dolphin Day Important Day 4 min read

डॉल्फिन के संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए प्रति वर्ष 5 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दूसरा राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस है। 

राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस की शुरुआत: 

  • 5 अक्तूबर, 2009 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए गंगा डॉल्फिन को ‘राष्ट्रीय जलीय जीव’ घोषित किया था। 
  • राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस मानाने की घोषणा केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने 25 मार्च, 2022 को राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की स्थायी समिति की 67वीं बैठक के दौरान की थी। 5 अक्तूबर 2023 को दूसरा ‘राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस’ मनाया गया।

डॉल्फिन का महत्व: 

  • डॉल्फिन एक स्वस्थ जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के आदर्श पारिस्थितिक संकेतक के रूप में कार्य करती है। स्वस्थ जलीय पारिस्थितिक तंत्र पृथ्वी के समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।

गंगा डॉल्फिन 

  • वैज्ञानिक नाम: प्लैटनिस्टा गैंगेटिका (Platanista Gangetica)।
  • गंगा डॉल्फिन विश्व की नदियों में पाई जाने वाली डॉल्फिन की पाँच मुख्य प्रजातियों में से एक है। इस प्रकार की डॉल्फिन मुख्य तौर पर भारतीय उपमहाद्वीप विशेषकर गंगा-ब्रह्मपुत्र-सिंधु-मेघना और कर्णाफुली-सांगू नदी तंत्र में पाई जाती हैं। 
  • सामान्यतः नर डॉल्फिन 2 से 2.2 मीटर जबकि मादा डॉल्फिन 2.4 से 2.6 मीटर लंबे होते हैं (गंगा डॉल्फिन संरक्षण कार्य योजना 2010-2020 के अनुसार)।
  • सामान्यतः एक वयस्क गंगा डॉल्फिन का वजन 70 से 90 किलोग्राम के बीच होता है।
  • भारत में डॉल्फिन असम, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों में पाई जाती है।
  • डॉल्फिन को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर रेड लिस्ट में 'संकटग्रस्त' प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

डॉल्फिन की घटती संख्यां का मुख्य कारण: 

  • नदियों पर बने बांध डॉल्फिन की वृद्धि को प्रभावित करते हैं, क्योंकि ये संरचनाएँ पानी के प्रवाह को बाधित करती हैं। वर्तमान में इनकी संख्यां में तेजी से कमी आ रही है इनकी उपस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक हैं: 
    • जल प्रदूषण के रूप में एकल उपयोग वाले प्लास्टिक औद्योगिक प्रदूषण, 
    • मछली पकड़ने वाले जाल, 
    • नदियों में गाद का जमा होना, 
    • तेल प्राप्त करने हेतु इनका शिकार करना।

गंगा डॉल्फिन के संरक्षण हेतु सरकारी प्रयास: 

  • भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: वर्ष 1985 में गंगा एक्शन प्लान की शुरुआत के बाद 24 नवंबर, 1986 को सरकार ने एक अधिसूचना के माध्यम से गंगा डॉल्फिन को भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की प्रथम अनुसूची में शामिल किया गया था।
  • सरकार के इस कदम का उद्देश्य गंगा डॉल्फिन के संरक्षण को बढ़ावा देना और उनके लिए वन्यजीव अभयारण्यों जैसी संरक्षण सुविधाएँ प्रदान करना था।
  • बिहार में विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य इसी अधिनियम के तहत स्थापित किया गया। 
  • इसके अतिरिक्त सरकार ने ‘गंगा डॉल्फिन संरक्षण कार्य योजना 2010-2020’ भी तैयार की है, जिसमें गंगा डॉल्फिन के समक्ष खतरों और उनकी संख्यां पर नदी के यातायात और सिंचाई नहरों आदि के प्रभावों का मूल्यांकन की गई है।

FAQ

Answer - 5 अक्टूबर

Answer - दूसरा ‘राष्ट्रिय डॉल्फिन दिवस’

Answer - 5 अक्तूबर, 2009

Answer - बिहार में विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य स्थापित किया गया।

Answer - प्लैटनिस्टा गैंगेटिका
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