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रक्षा मंत्रालय ने एलएंडटी से के9 वज्र तोपें खरीदने के लिए 7628.70 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किए

Utkarsh Classes Last Updated 21-12-2024
MoD Sign Rs 7628.70 crore Deal to Buy K9 VAJRA Artillery Guns from L&T Defence 4 min read

केंद्रीय रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने भारतीय सेना के लिए 7628.70 करोड़ रुपये की लागत से 100  के9 वज्र-टी स्व-चालित ट्रैक्ड आर्टिलरी गन (तोप) खरीदने के लिए भारतीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एल&टी) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

एल&टी  के साथ के9 वज्र-टी आर्टिलरी गन के लिए यह दूसरा सौदा है। 2017 में, एमओडी  ने 100 आर्टिलरी गन खरीदने के लिए एल&टी के साथ 4366 करोड़ रुपये का सौदा किया था।

12 दिसंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में इस 100 अतिरिक्त के 9-वज्र टी गन की खरीद को मंजूरी दी थी।

भारतीय रक्षा कंपनी के साथ सौदे पर हस्ताक्षर करना देश में स्वदेशी रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने और देश को महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकी और उपकरणों में आत्मनिर्भर बनाने के भारत सरकार के प्रयास का हिस्सा है।

के 9-वज्र टीआर्टिलरी गन के बारे में

 के9 वज्र-टी आर्टिलरी गन सैमसंग टेकविन कंपनी जिसे अब हनवा डिफेंस के नाम से जाना जाता है, द्वारा विकसित दक्षिण कोरियाई मोबाइल हॉवित्जर ( के9) का स्वदेशी संस्करण है।

आर्टिलरी गन को भारतीय सेना की जरूरतों के हिसाब से संशोधित किया गया है और इसका निर्माण भारत में लार्सन एंड टुब्रो हैवी इंजीनियरिंग और हनवा डिफेंस द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।

संशोधित आर्टिलरी गन को  के9 वज्र-टी कहा जाता है।

के9 वज्र-टी गन का उत्पादन महाराष्ट्र के पुणे के पास एल&टी के तालेगांव प्लांट में किया जा रहा है।

के9 वज्र-टी भारतीय सेना के लिए एक निजी भारतीय कंपनी द्वारा निर्मित पहली आर्टिलरी गन है।

के9 वज्र-टी आर्टिलरी गन की विशेषताएँ 

के9 वज्र-टी आर्टिलरी गन एक शूट-एंड-स्कूट प्रकार की आर्टिलरी गन है  जिसका मतलब है यह तोप दुश्मन पर गोला दाग कर तुरंत वहाँ से चली जाती है। अगर  दुश्मन देश की रेडार उस तोप का पता लगा भी लेता है और जबाबी करवाही करे उससे पहले ही वो तोपखाना वहाँ से जा चुका होता है 

के9 वज्र-टी एक स्व-चालित आर्टिलरी गन है जो 1,000-हॉर्सपावर के इंजन से लैस है। 

यह 60 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से चल सकती है और 450 किमी तक की यात्रा कर सकती है। 

इस गन में 155 मिमी/52 कैलिबर का आयुध है जिसकी अधिकतम फायरिंग रेंज 40 किमी है। 

के9 एक साथ कई राउंड गोला-बारूद दाग सकता है और यह दुश्मन के ठिकानों पर एक मिनट में आठ राउंड फायर कर सकता है। 

इस गन को मैदानी इलाकों, रेगिस्तानी क्षेत्रों और उप-शून्य तापमान वाले उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है।

 

FAQ

उत्तर: यह लार्सन एंड टुब्रो द्वारा निर्मित स्वदेशी रूप से विकसित स्व-चालित ट्रैक्ड आर्टिलरी गन है।

उत्तर: 7628.70 करोड़ रुपये।

उत्तर: लार्सन एंड टुब्रो द्वारा दक्षिण कोरियाई कंपनी हनवा डिफेंस के सहयोग से।
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