मिशन दिव्यास्त्र : भारत के अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण सम्पन्न
Utkarsh ClassesLast Updated
07-02-2025
Defence
5 min read
भारत ने 11 मार्च, 2024 को न्यूक्लियर बैलेस्टिक मिसाइलअग्नि-5 का पहला सफल फ्लाइट परिक्षण किया है। अग्नि-5 मिसाइल कोमेक इन इंडिया पहल के तहत डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है।
अग्नि -5 मिसाइल की पहुँच में आधी दुनिया:
इस मिसाइल के सफल फ्लाइट परिक्षण के साथ ही अब भारत की पहुँच चीन और पाकिस्तान सहित विश्व के लगभग आधे देश या आधी दुनिया तक विस्तारित हो चुकी है। यह मिसाइल 5 हजार किलोमीटर से भी अधिक दूर के लक्ष्य को भेद सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अग्नि-5 मिसाइल के पहले सफल फ्लाइट टेस्ट के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दी हैं।
एमआईआरवी तकनीक के साथ परीक्षण:
यह, मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण था।
इस मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ ही भारत ने एक ही मिसाइल के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर कई टारगेट को भेद सकने की क्षमता विकसित कर ली है।
इस परियोजना की निदेशक एक महिला हैं और इसके निर्माण और विकास में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
एमआईआरवी तकनीक के बारे में:
एमआईआरवी, उस तकनीक को कहते हैं जिसमें किसी मिसाइल द्वारा एक ही बार में एक से अधिक परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता होती है। इसके सफल परिक्षण से दुश्मन के विभिन्न लक्ष्यों को एक साथ भेदा जा सकता है।
पीएम मोदी ने अग्नि-5 मिसाइल को 'मिशन दिव्यास्त्र' कहा है। आमतौर पर एक मिसाइल में एक ही वॉरहेड होता है और ये एक ही लक्ष्य को मार करता है जबकि अग्नि-5 मिसाइल एक बार में कई लक्ष्य को मार कर सकता है।
एमआईआरवी तकनीक सर्वप्रथम अमेरिका ने 1970 में विकसित की थी। 20वीं सदी के आखिर तक अमेरिका और सोवियत संघ दोनों नें एमआईआरवी तकनीक से लैस कई इंटरकॉन्टिनेंटल और सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइलें विकसित कर लीं थीं।
अग्नि 5 मिसाइल की विशेषता :
अग्नि 5 मिसाइल, अग्नि सीरीज की 5000 किलोमीटर से अधिक दूरी की मारक क्षमता वाली सबसे लंबी दूरी की मिसाइल है।
अग्नि 5 मिसाइल को देश की दीर्घकालिक सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए विकसित किया गया है। अग्नि 5 मिसाइल के माध्यम से चीन के सबसे उत्तरी भाग तक के लक्ष्य को भेदा जा सकता है। इसके साथ ही यह मिसाइल यूरोप के कुछ क्षेत्रों सहित लगभग पूरे एशिया को अपनी मारक क्षमता के दायरे (रेंज) में ला सकती है।
अग्नि 5 मिसाइल जमीन से जमीन पर मार करने वाली भारत की पहली मिसाइल है। यह भारत की एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है।
अग्नि 5 मिसाइल करीब डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जाने में सक्षम है।
अग्नि 5 मिसाइल की रफ्तार आवाज की रफ्तार से करीब 24 गुना अधिक है।
अग्नि 5 के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है। इसलिए इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।
अग्नि 1 से 4 तक के मिसाइलों की मारक क्षमता 700 किलोमीटर से 3,500 किलोमीटर तक है। इन्हें पहले ही तैनात किया जा चुका है।
भारत, पृथ्वी की वायुमंडलीय सीमा के अंदर और बाहर शत्रुतापूर्ण बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने की क्षमता विकसित कर रहा है।
मिशन दिव्यास्त्र से भारत को मिली नई पहचान:
मिशन दिव्यास्त्र, के सफल परीक्षण के साथ ही भारत अब उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी तकनीक से लैस मिसाइलें हैं।
यह प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स प्रणालियों और उच्च सटीकता सेंसर पैकेजों से सुसज्जित है। जो यह सुनिश्चित करती है कि पुन: प्रवेश करने वाले वाहन वांछित सटीकता के भीतर लक्ष्य बिंदुओं तक पहुंचें।
यह एवियोनिक्स प्रणाली भारत की बढ़ती तकनीकी शक्ति की प्रतीक है।
FAQ
उत्तर: अग्नि 5 मिसाइल
उत्तर: 'मिशन दिव्यास्त्र'
उत्तर : 5000 किलोमीटर से अधिक
उत्तर: मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक का उपयोग अग्नि 5 मिसाइल में किया गया है।
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