Home > Current Affairs > National > Martyr's Day (30 January): Date, History & Significance

शहीद दिवस (30 जनवरी): तिथि , इतिहास , महत्त्व

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Martyr's Day (30 January): Date, History & Significance Important Day 4 min read

30 जनवरी को भारत उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये शहीद दिवस के रूप में मनाता है, जिन्होंने देश के लिये बलिदान दिया। 

  • इस दिन को देश के 'बापू', महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के रूप में भी मनाया जाता है।
  • इसी दिन वर्ष 1948 में नाथूराम गोडसे ने नई दिल्ली के बिड़ला हाउस में महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी
  • दिल्ली में राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर शहीद दिवस मनाया जाता है।
  • राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना प्रमुख (सेना, वायु सेना और नौसेना) 'राष्ट्रपिता' को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

महत्त्व:

  • शहीद दिवस का महत्त्व इस तथ्य में निहित है कि महात्मा गांधी ने अहिंसक दृष्टिकोण के माध्यम से ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रमुख आंदोलनों का नेतृत्त्व किया।
  • उनका दर्शन अहिंसा, सत्य के लिये लड़ाई (सत्याग्रह), राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता (स्वराज) के सिद्धांतों पर आधारित था तथा उनके सिद्धांतों ने लाखों लोगों को प्रेरित किया।

 

मोहनदास करमचंद गाँधी के बारे में:

  • जन्म - 2 अक्टूबर 1869 , पोरबंदर (गुजरात)
    • 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • विचारधारा - सत्य , अहिंसा , ईमानदारी , प्रकृति  देखभाल करना , दलितों के कल्याण आदि विचारों में विश्वास करते थे।
  • राजनीतिक गुरु - गोपाल कृष्ण गोखले 
  • गाँधी को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए पाँच बार नामित किया गया। 
  • मृत्यु - 30 जनवरी 1948

दक्षिण अफ्रीका में गाँधी -

  • महात्मा गांधी अप्रैल 1893 में 23 वर्ष की उम्र में भारत छोड़कर दक्षिण अफ्रीका चले गये थे।
  • 9 जनवरी 1915 को गाँधी जी का भारत आगमन हुआ। 9 जनवरी को प्रतिवर्ष 'प्रवासी भारतीय दिवास' के रूप में मनाया जाता है।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान -

  • चम्पारण सत्याग्रह (1917) , प्रथम सविनय अवज्ञा , अहमदाबाद मिल हड़ताल (1918),  खेड़ा सत्याग्रह (1918)
  • राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन - रॉलेक्ट एक्ट (1919) , असहयोग आंदोलन (1920 - 22) , सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930) , भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
  • गाँधी-इरविन समझौता (1931) - 5 मार्च सन् 1931 को लंदन द्वितीय गोल मेज सम्मेलन के पूर्व महात्मा गाँधी और तत्कालीन वाइसराय लार्ड इरविन के बीच एक राजनैतिक समझौता है जिसे गाँधी-इरविन समझौता (Gandhi–Irwin Pact) कहते हैं। इसे "दिल्ली पेक्ट" भी कहते हैं।

पुस्तकें -

  • हिंद स्वराज , सत्य के प्रयोग (आत्मकथा)

साप्ताहिक पत्रिकाएं -

  • यंग इंडिया , हरिजन , नवजीवन , इंडियन ओपिनियन

भारत में अन्य शहीद दिवस:

23 मार्च

  • इस दिन भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को लाहौर जेल में अंग्रेज़ों ने फाँसी पर लटका दिया था।

19 मई

  • यह असम में 19 मई, 1961 को राज्य पुलिस द्वारा मारे गए लोगों की याद में मनाया जाता है।
  • इस दिन को ‘भाषा शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

17 नवंबर

  • ओडिशा इस दिन को प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय को उनकी पुण्यतिथि पर याद करने के लिये मनाता है।

24 नवंबर

  • सिख समुदाय द्वारा इसे शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि यह नौवें सिख गुरु तेग बहादुर की पुण्यतिथि है।
  • उन्होंने गैर-मुसलमानों के ज़बरन धर्मांतरण का विरोध किया और वर्ष 1675 में मुगल बादशाह औरंगज़ेब द्वारा उनकी हत्या कर दी गई।

FAQ

उत्तर . 30 जनवरी

उत्तर . 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने

उत्तर . 2 अक्टूबर

उत्तर . गोपाल कृष्ण गोखले
Leave a Review

Today's Article

Utkarsh Classes
DOWNLOAD OUR APP

Utkarsh Classes: Prepare for State & Central Govt Exams

With the trust and confidence of our students, the Utkarsh Mobile App has become a leading educational app on the Google Play Store. We are committed to maintaining this legacy by continually updating the app with unique features to better serve our aspirants.