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माहे क्लास एंटी सबमरीन वारफेयर शिप मालपे और मुल्की लॉन्च किया गया

Utkarsh Classes Last Updated 11-09-2024
Mahe Class Anti Submarine Warfare Ship Malpe and Mulki launched Defence 4 min read

कोचीन शिपयार्ड ने 9 सितंबर, 2024 को कोच्चि,केरल में आयोजित एक  समारोह में अपने माहे श्रेणी की एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (जहाज) मालपे और मुल्की को लॉन्च किया गया । 

केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के अधीन कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर जहाज परियोजना के तहत बनाए जाने वाले आठ जहाजों  में यह चौथे और पांचवें जहाज हैं।

जहाज का निर्माण स्वदेशी रूप से किया गया है, इसकी लगभग 80 प्रतिशत सामग्री भारतीय है।

भारत में एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी परियोजना

भारत सरकार ने मेक इन इंडिया पहल के तहत भारत में 16 एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटरक्राफ्ट (एएसडबल्यू -एसडबल्यूसी) जहाजों के निर्माण के लिए एक परियोजना शुरू की।

इस परियोजना के तहत बनाए जाने वाले जहाज रूसी अभय श्रेणी के कार्वेट की जगह लेगा, जिन्हें 1989 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।

अप्रैल 2019 में, केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड और कोच्चि स्थित कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के साथ आठ-आठ एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित एएसडबल्यू -एसडबल्यूसी जहाजों को अर्नाला श्रेणी के जहाजों और कोचीन शिपयार्ड निर्मित जहाजों को माहे श्रेणी के जहाजों के रूप में जाना जाता है ।

एएसडबल्यू -एसडबल्यूसी  परियोजना के तहत लॉन्च किए गए जहाज

माहे श्रेणी के एएसडबल्यू -एसडबल्यूसी जहाजों के तहत, कोचीन शिपयार्ड ने पहला जहाज माहे, दूसरा जहाज मालवन, तीसरा मंगरोल, चौथा मालपे और पांचवां मुल्की लॉन्च किया है ।

अर्नाला क्लास एएसडबल्य- एसडबल्यूसी के तहत अब तक छह जहाज -पहला जहाज अर्नाला, दूसरा एंड्रोथ, तीसरा अंजादीप, चौथा अमिनी, पांचवां एग्रे और छठा अक्षय लॉन्च किए जा चुका हैं। अक्षय और एग्रे को मार्च 2024 में लॉन्च किया गया था।

एएसडबल्यू -एसडबल्यूसी पोत क्या है?

एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी जहाज पनडुब्बी शिकारी हैं जो भारत के तटीय जल में काम करेंगे। तटीय क्षेत्रों के पास का पानी उथला होता  है इसलिए इन्हें एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटरक्राफ्ट कहा जाता है।

  • एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी समुद्र तल पर बारूदी सुरंगें  बिछाने और कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन करने में भी सक्षम हैं।
  • 77.6 मीटर लंबे और 105 मीटर चौड़े एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी जहाज हल्के टॉरपीडो, एएसडब्ल्यू रॉकेट और बारूदी सुरंगें, 30 मिमी नेवल सरफेस गन और ऑप्ट्रोनिक कंट्रोल सिस्टम के साथ दो 16.7 मिमी स्थिर रिमोट कंट्रोल गन से लैस हैं।
  • इसमें उथले पानी में पनडुब्बियों का पता लगाने के लिए स्टील्थ तकनीक और अत्यधिक उन्नत सोनार है।
  • जहाजों की अधिकतम गति 25 समुद्री मील प्रति घंटा है। 
  • अर्नाला और माहे श्रेणी के एएसडबल्यू -एसडबल्यूसी  जहाज 57 चालक दल के सदस्यों को समायोजित कर सकते हैं। 
  • एएसडबल्यू-एसडबल्यूसी पोत में तीन डीजल इंजनों द्वारा संचालित जल जेट प्रणोदन प्रणाली है।

FAQ

उत्तर: 16, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा आठ और कोचीन शिपयार्ड्स लिमिटेड द्वारा आठ।

उत्तर: कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड।

उत्तर: कोच्चि स्थित कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड

उत्तर : कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड
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