विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के निदेशक अरुण कुमार सिन्हा का 6 सितंबर 2023 को गुरुग्राम के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 61 वर्ष के थे।
केरल कैडर के 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी, अरुण कुमार सिन्हा मार्च 2016 से एसपीजी प्रमुख थे, और उनकी सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले ,31 मई 2023 को सरकार के द्वारा उन्हें सेवा में एक साल का विस्तार दिया गया था।
अरुण कुमार सिन्हा एसपीजी के सबसे लंबे समय (2016-2023) तक सेवारत प्रमुख थे ।
भारत में 1984 में पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रधान मंत्री को सुरक्षा प्रदान करने के लिए विशेष सुरक्षा समूह की स्थापना की गई थी।
एसपीजी 8 अप्रैल 1985 को अस्तित्व में आया जब इंटेलिजेंस ब्यूरो में तत्कालीन संयुक्त निदेशक (वीआईपी सुरक्षा) डॉ. एस. सुब्रमण्यम ने पदभार संभाला।
एसपीजी को विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम 1988 द्वारा कानूनी दर्जा दिया गया था। विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम 1988 अधिनियम में 2019 में संशोधन किया गया था।
यह केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिवालय के अंतर्गत आता है।
यह को सुरक्षा प्रदान करता है;
एसपीजी के निदेशक
एसपीजी के निदेशक की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक या उससे ऊंचे रैंक के एक भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी को एसपीजी के निदेशक के रूप में नियुक्त किया जाता है ।
एसपीजी के सदस्य केंद्रीय सशस्त्र बल पुलिस जैसे बीएसएफ, सीआरपीएफ आदि और रेलवे सुरक्षा बल से प्रतिनियुक्ति पर आते हैं।
एसपीजी का आदर्श वाक्य
एसपीजी का आदर्श वाक्य है "शौर्यम समर्पणम सुरक्षाम" (यानी बहादुरी, भक्ति और सुरक्षा)।
एसपीजी का मुख्यालय: नई दिल्ली
एसपीजी का स्थापना दिवस: 8 अप्रैल
एसपीजी के पहले निदेशक: डॉ. एस. सुब्रमण्यम
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
एसपीजी /SPG : स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (Special Protection Group)