किशोर मकवाना ने 11 मार्च 2024 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। इन्हीं के साथ ही लव कुश कुमार ने भी इसी दिन एनसीएससी के सदस्य का पदभार ग्रहण किया।
- किशोर मकवाना को भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारत सरकार के राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया।
किशोर मकवाना के बारे में:
- मकवाना ने पूर्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गुजरात इकाई के संयुक्त प्रवक्ता के रूप में कार्य किया है।
- मकवाना एक पत्रकार और स्तंभकार भी हैं। मकवाना विभिन्न सामाजिक विषयों पर 33 से भी अधिक पुस्तकों के लेखक रहे हैं। उनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
- 'सामाजिक क्रांति ना महानायक डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर'
- 'स्वामी विवेकानन्द'
- 'सफलता नो मंत्र'
- 'समर नहीं समरसता'
- 'क्रांतिवीर बिरसा मुंडा'
- 'युगप्रवर्तक शिवाजी महाराज' आदि।
- मकवाना ने डॉ अंबेडकर पर 9 किताबें लिखी हैं। इसके अलावा उन्होंने कई पुस्तकों का अनुवाद और संपादन किया है और उनकी पुस्तकों का देश की कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के बारे में:
- एनसीएससी एक संवैधानिक निकाय है। इसकी स्थापना अनुसूचित जातियों (एससी) के शोषण के विरुद्ध सुरक्षा उपाय प्रदान करने के लिए किया गया है। साथ ही एससी के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक हितों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है।
संविधान में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का उल्लेख:
- आरंभ में संविधान में अनुच्छेद 338 के तहत एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान था। विशेष अधिकारी को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आयुक्त के रूप में नामित किया गया था।
- 65वाँ संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1990 द्वारा संविधान के अनुच्छेद 338 में संशोधन किया। साथ ही एक सदस्यीय प्रणाली के स्थान पर अनुसूचित जाति (एससी) तथा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए बहु-सदस्यीय राष्ट्रीय आयोग स्थापित किया।
- 89वाँ संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा अनुच्छेद 338 में संशोधन किया गया। साथ ही अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाती के लिए तत्कालीन राष्ट्रीय आयोग को वर्ष 2004 से दो आयोगों द्वारा प्रतिस्थापित किया गया। जो थे:
- अनुच्छेद 338 के अंर्तगत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी)।
- अनुच्छेद 338A के अंर्तगत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी)।
एनसीएससी की संरचना:
- एनसीएससी में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष एवं तीन अतिरिक्त सदस्य शामिल हैं। इस तरह से एनसीएससी में अध्यक्ष सहित कुल पाँच सदस्य होते हैं।
- राष्ट्रपति इन पदों की नियुक्ति करते हैं।
- उनकी सेवा की शर्तें एवं कार्यकाल भी राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित किया जाता है।
एनसीएससी का कार्य:
- एससी के लिए संवैधानिक तथा अन्य कानूनी सुरक्षा उपायों से संबंधित सभी मामलों की जाँच एवं निगरानी करना। साथ ही उनके कामकाज का मूल्यांकन भी करता है।
- राष्ट्रपति को वार्षिक रूप से तथा ऐसे अन्य समय पर जब वह उचित समझे, उन सुरक्षा उपायों के कामकाज पर रिपोर्ट प्रस्तुत करना।
- एससी के अधिकारों एवं सुरक्षा उपायों से वंचित होने से संबंधित विशिष्ट शिकायतों की जाँच करना।
- एससी के सामाजिक-आर्थिक विकास की योजना प्रक्रिया में भाग लेना। सलाह देना एवं संघ या राज्य के तहत उनके विकास की प्रगति का मूल्यांकन करना।
- एससी के संरक्षण, कल्याण एवं सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए उन सुरक्षा उपायों के साथ-साथ अन्य उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये संघ या राज्य द्वारा उठाए जाने वाले उपायों के बारे में सिफारिशें करना।
वर्ष 2018 तक एनसीएससी, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए भी समान कार्य करती थी। बाद में 102वें संशोधन अधिनियम, 2018 द्वारा एनसीएससी को इस ज़िम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया।