17 वर्षीय स्कूली छात्रा काम्या कार्तिकेयन,पृथ्वी के सात महाद्वीपों की स्थित सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला बन गई हैं। 24 दिसंबर 2024 को अपने पिता कमांडर एस. कार्तिकेयन के साथ अंटार्कटिका में विंसन मैसिफ पर चढ़कर, उन्होंने एशिया (माउंट एवरेस्ट), अफ्रीका (माउंट किलिमंजारो), यूरोप (माउंट एल्ब्रस), ऑस्ट्रेलिया (माउंट कोसियसज़को), दक्षिण अमेरिका (माउंट एकॉनकागुआ) और उत्तरी अमेरिका (माउंट डेनाली) की सबसे ऊंची पर्वत चोटियों पर चढ़ने की चुनौती पूरी की।
काम्या कार्तिकेयन मुंबई की नेवी चिल्ड्रन स्कूल की छात्रा हैं। वह भारतीय नौसेना के कमांडर एस. कार्तिकेयन की बेटी हैं। सात साल की उम्र में, उन्होंने उत्तराखंड में एक चोटी पर चढ़ाई की।
16 साल की उम्र में, उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। माउंट एवरेस्ट पर दक्षिण की ओर (नेपाल की ओर) और से सफलता पूर्वक चढ़ाई करने वाली वह भारत की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही और दुनिया की दूसरी सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बन गईं हैं।
उनकी उपलब्धि का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में किया और उन्हें 2021 में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
उसका अगला लक्ष्य
काम्या का अगला लक्ष्य एक्सप्लोरर ग्रैंड स्लैम जीतने का है। एक्सप्लोरर ग्रैंड स्लैम में माउंट एवरेस्ट, माउंट किलिमंजारो, माउंट एल्ब्रस, माउंट कोसियसज़को, माउंट एकॉनकागुआ और माउंट डेनाली की सात पर्वत चोटियों पर विजय प्राप्त करना और उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव तक पहुँचना शामिल है।
सभी सात चोटियों पर विजय प्राप्त करने के बाद अब वह उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव तक पहुँचने का प्रयास करेगी।
सात महाद्वीपों की सात चोटियों के बारे में
पृथ्वी के सात महाद्वीपों की सात सबसे ऊँची चोटियाँ निम्नलिखित हैं।
यह नेपाल और तिब्बत की सीमा पर वृहत हिमालय में स्थित दुनिया की सबसे ऊँची पर्वत चोटी है।
इस चोटी की ऊँचाई 8,849 मीटर (29,032 फ़ीट) है।
इसकी ऊँचाई को सबसे पहले 1852 में सर्वे ऑफ़ इंडिया ने सटीक रूप से मापा था। उस समय इसे पीक XV नाम दिया गया था।
1865 में इस चोटी का नाम सर जॉर्ज एवरेस्ट के सम्मान में माउंट एवरेस्ट रखा गया, जो उस समय सर्वे ऑफ़ इंडिया के प्रमुख थे जब इसकी ऊँचाई को सटीक रूप से मापा गया था।
नेपाल में इस शिखर को सागरमाथा (संस्कृत भाषा) कहा जाता है और तिब्बती भाषा में इसे चोमोलुंगमा ("विश्व की देवी माता" या "घाटी की देवी") कहा जाता है।
पढ़ें: नेपाल की कामी रीता ने रिकॉर्ड 29वीं बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की