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अन्तरिक्ष मिशन को 2030 तक मलबा मुक्त बनाने का इसरो ने रखा लक्ष्य

Utkarsh Classes Last Updated 17-04-2024
ISRO aims to make space missions debris free by 2030 Space 4 min read

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने 16 अप्रैल 2024 को घोषणा की कि भारत का लक्ष्य 2030 तक मलबा मुक्त अंतरिक्ष का निर्माण करना है। 

  • बेंगलुरु में 42वीं अंतर-एजेंसी अंतरिक्ष मलबा समन्वय समिति (आईएडीसी) की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने यह घोषणा की है। इस दौरान इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि जहाँ तक भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण और अंतरिक्ष उपयोग का सवाल है तो इसरो के पास एक बहुत ही स्पष्ट योजना है।
  • इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ, अंतरिक्ष विभाग के सचिव भी हैं। 

इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने की घोषणा: 

  • सोमनाथ ने बताया कि भारत इस उद्देश्य के साथ काम कर रहा है कि मलबा मुक्त अंतरिक्ष मिशन संचालित किए जाएं ताकि अंतरिक्ष की स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। मैं आज इस पहल को एक घोषणा बनाना चाहता हूं, संभवतः आने वाले दिनों में इस पर और ज्यादा चर्चा और बहस हो सकती है।

मलबा मुक्त अंतरिक्ष मिशन: 

  • सोमनाथ ने कहा कि इस पहल का लक्ष्य 2030 तक सरकारी और गैर-सरकारी सहित सभी भारतीय अंतरिक्ष मिशनों के जरिए मलबा मुक्त अंतरिक्ष का निर्माण करना है। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ के अनुसार, वर्तमान में, हमारी कक्षा में 54 अंतरिक्ष यान क्रियाशील हैं, साथ ही काम न कर रहीं कुछ अन्य वस्तुएं भी माजूद हैं। 
  • इसरो प्रमुख ने कहा कि हम वहां बहुत सावधानी से कार्रवाई कर रहे हैं। जहां भी कक्षा से अलग होने पर अंतरिक्ष वस्तुओं का निपटान करना या उनकी सक्रिय भूमिका को खत्म करना संभव है। इन्हें एक सुरक्षित स्थान पर लाना उन महत्वपूर्ण विषयों में से एक है, जिस पर हम कार्रवाई करते हैं।

इसरो ने विकसित किया हल्का नोजल: 

  • इसरो ने रॉकेट इंजनों के लिए हल्का नोजल तैयार किया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि रॉकेट इंजनों के लिए हल्के कार्बन-कार्बन (सी-सी) नोजल के विकास के साथ रॉकेट इंजन प्रौद्योगिकी में बड़ी सफलता हासिल की है, जिससे उसकी पेलोड क्षमता भी बढ़ी है।
  • ग्रीन कंपोजिट के कार्बोनाइजेशन और उच्च तापमान उपचार जैसी प्रक्रियाओं का उपयोग करके, इसने कम घनत्व, उच्च विशिष्ट शक्ति और उत्कृष्ट कठोरता के साथ एक नोजल तैयार किया है। यह ऊंचे तापमान पर भी यांत्रिक गुणों को बनाए रखने में सक्षम है। 

बढ़ेगी लॉन्च वाहनों की पेलोड क्षमता: 

  • इसरो ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) द्वारा तैयार किया गया यह रॉकेट इंजन की क्षमता और मापदंडों को बढ़ाने का दावा करता है। इससे लॉन्च वाहनों की पेलोड क्षमता को बढ़ाया जा सकेगा। तिरुवनंतपुरम स्थित वीएसएससी ने कार्बन-कार्बन (सी-सी) कंपोजिट जैसी उन्नत सामग्रियों का लाभ उठाकर नोजल डाइवर्जेंट बनाया।

2035 तक भारत का होगा स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन: 

  • सोमनाथ ने कहा कि भारत, 2035 तक अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' स्थापित करने की योजना पर कार्य कर रहा है।
  • इसके साथ ही सोमनाथ ने यह भी कहा कि भविष्य में उसके द्वारा प्रक्षेपित किए जाने वाले सभी अंतरिक्ष यान के लिए यह सुनिश्चित करने के वास्ते कार्रवाई की जाए। जिससे कि वह अपने काम को अंजाम देने के बाद कक्षा से बाहर निकले और उसे सुरक्षित स्थान पर भी लाया जाए। 

FAQ

Answer: इसरो ने 2030 तक मलबा मुक्त अंतरिक्ष की उपलब्धि प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

Answer: भारत द्वारा 2035 तक अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' स्थापित करने की योजना बनाई है।

Answer: इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ अंतरिक्ष विभाग के सचिव हैं।
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