इंडोनेशियाई वितरित कानून और मानवाधिकार मंत्रालय के अनुसार इंडोनेशिया अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के प्रयासों में विदेशी व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक गोल्डन वीज़ा योजना आरंभ करने जा रहा है।
इंडोनेशिया के आव्रजन महानिदेशक सिल्मी करीम के अनुसार, "गोल्डन वीज़ा पांच से 10 वर्षों की विस्तारित अवधि के लिए निवास परमिट दे रहा है।"
- महानिदेशक सिल्मी करीम के अनुसार इसके अंतर्गत एक बार इंडोनेशिया पहुंचने के बाद, गोल्डन वीज़ा धारकों को परमिट के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
पहले भी कई देश कई देश ला चुके हैं गोल्डन वीजा:
- अमेरिका, आयरलैंड, न्यूजीलैंड, स्पेन, यूएई सहित विश्व के अन्य देशों ने पूंजी और उद्यमशील निवासियों को आकर्षित करने के लिए निवेशकों के लिए इसी तरह के गोल्डन वीजा अपने देश में ला चुके हैं।
निवेशकों के लिए निर्धारित राशि:
- पांच साल के वीजा के लिए व्यक्तिगत निवेशकों को 2.5 मिलियन डॉलर की कंपनी स्थापित करने की आवश्यकता होती है, जबकि 10 साल के वीजा के लिए 5 मिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता होती है।
- इस बीच, कॉर्पोरेट निवेशकों को निदेशकों और आयुक्तों के लिए पांच साल का वीजा प्राप्त करने के लिए 25 मिलियन डॉलर का निवेश करना आवश्यक है। 10 साल का वीज़ा हासिल करने के लिए उन्हें दोगुना या 50 मिलियन डॉलर का निवेश करना होगा।
- साथ ही अलग-अलग प्रावधान उन व्यक्तिगत विदेशी निवेशकों पर लागू होते हैं जो दक्षिण पूर्व एशियाई देश में कंपनी स्थापित नहीं करना चाहते हैं। धनराशि की आवश्यकता $350,000 से $700,000 तक होती है जिसका उपयोग इंडोनेशियाई सरकारी बांड खरीदने के लिए किया जा सकता है।
गोल्डन वीजा:
- गोल्डन वीजा प्रणाली मुख्य रूप से इंवेस्टर्स, रिर्सर्चस, स्टूडेंट्स और मेधावी छात्रों को किसी देश द्वारा एक निश्चित अवधि (सामान्यतः यह 5 से 10 साल तक) के लिए रहने का परमिट प्रदान करती है।
- पूर्व में यूएई सरकार ने देश में प्रतिभाशाली लोगों को बनाए रखने के उद्देश्य से गोल्डन वीजा की शुरूआत की थी।
गोल्डन वीजा का लाभ:
- इस वीजा धारकों को सबसे बड़ा लाभ सुरक्षा है। उदहारण के तौर पर यूएई सरकार द्वारा जारी गोल्डन वीजा के तहत इसके धारकों को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं:
- यहां अपना बिजनेस करने वाले या रिसर्च से जुड़े लोग 5 से 10 साल तक उस देश में रह सकते हैं।
- इसके जरिए व्यक्ति को उस देश की धरती पर 100 प्रतिशत ओनरशिप मिल जाती है।
- इस वीजा में व्यक्ति को नेशनल स्पॉन्सर तलाशने की जरूरत नहीं पड़ती।
भारत पर गोल्डन वीजा का क्या पड़ेगा प्रभाव:
- विभिन्न देशों द्वारा जारी की जाने वाली इस प्रकार के वीजा से भारत के युवाओं खासतौर पर तकनीकी क्षेत्र में कार्यरत युवाओं के लिये काफी महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है और इससे युवाओं को रोज़गार के नए अवसर तलाशने में भी मदद मिलेगी।
- भारत में इंजीनियरिंग डिग्री धारकों की संख्या सबसे अधिक रही है। एक अनुमान के मुताबिक, भारत में प्रत्येक वर्ष 15 लाख से अधिक इंजीनियरिंग छात्र विभिन्न शाखाओं जैसे आईटी, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, सिविल आदि से स्नातक की डिग्री प्राप्त करते हैं।
- इसे भारत का ‘इंजीनियरिंग संकट’ ही कहा जाएगा कि इतनी बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग स्नातक होने के बावजूद केवल 2.5 लाख स्नातकों को ही तकनीकी क्षेत्र में रोज़गार मिल पाता है।
‘गोल्डन वीज़ा’ प्रोग्राम:
- यूएई के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद द्वारा ‘गोल्डन वीज़ा’ प्रोग्राम की शुरुआत वर्ष 2019 में की गई थी, जो कि एक दीर्घकालिक निवास कार्यक्रम है।
- इसका उद्देश्य यूएई में एक आकर्षक निवेश वातावरण का निर्माण करना है, जो देश में व्यावसायिक विकास को प्रोत्साहित करेगा और नई प्रतिभाओं को आकर्षित करेगा।
- सामान्यतः यूएई प्रवासियों को स्थायी निवास वीज़ा नहीं प्रदान करता है, किंतु गोल्डन वीज़ा एक नवीकरणीय 10-वर्षीय वीज़ा है, जिससे प्रवासियों को वहाँ दीर्घकाल हेतु रहने का अवसर मिलता है।
गोल्डन वीज़ा किसे जारी किया जाता है?
- अभी तक वीज़ा केवल निवेशकों, उद्यमियों, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और वैज्ञानिकों आदि को जारी किया जाता था, परन्तु अब हालिया घोषणा के साथ ही तकनीक, मेडिकल और कला क्षेत्र के प्रतिभाशाली युवाओं को भी इसका लाभ प्राप्त कर सकेगा।
इंडोनेशिया:
- मुद्रा: इंडोनेशियाई रुपिया
- राजधानी: जकार्ता
- राष्ट्रपति: जोको विडोडो