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टाटा पावर ने भारत की सबसे बड़ी सौर और बैटरी ऊर्जा भंडारण परियोजना स्थापित की

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
India's largest Solar and Battery Energy project executed by Tata Power Energy 3 min read

भारत की अग्रणी ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) सौर कंपनी, टाटा पावर सोलर सिस्टम्स लिमिटेड (टीपीएसएसएल) ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव  जिले में भारत की सबसे बड़ी सौर और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) परियोजना स्थापित किया है। इस परियोजना में 100 मेगावाट की सौर फोटोवोल्टिक परियोजना और 120 मेगावाट की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) शामिल है।

इस परियोजना का निर्माण, सौर ऊर्जा और हाइब्रिड प्रौद्योगिकी परियोजना में नवाचार के तहत विश्व बैंक और स्वच्छ प्रौद्योगिकी कोष से वित्त पोषण और घरेलू ऋण एजेंसियों से ऋण के माध्यम से किया गया है।

इस परियोजना से सालाना अनुमानित 243.53 मिलियन यूनिट बिजली उत्पन्न होने और 25 वर्षों में 4.87 मिलियन टन कार्बन फुटप्रिंट कम होने की संभावना है, जो भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

भारत ने 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने का लक्ष्य रखा है।

एसईसीआई की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली

2021 में, टाटा पावर सोलर सिस्टम्स लिमिटेड कंपनी ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ और डोंगरगांव तहसील में 451 एकड़ बंजर भूमि में बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम के निर्माण के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई )के प्रोजेक्ट के बोलीदाताओं में अग्रणी भूमिका निभाते हुए यह टेंडर अपने नाम किया था।

टाटा पावर सोलर सिस्टम्स लिमिटेड  इस परियोजना के डिजाइन, इंजीनियरिंग, निर्माण, परीक्षण और कमीशनिंग के लिए उत्तरदायी संस्थान है।

एसईसीआई प्लांट से उत्पादित सभी  बिजली छत्तीसगढ़ सरकार को बेंची जाएगी।

इस परियोजना में बाइफेशियल मॉड्यूल का उपयोग किया गया है। पारंपरिक सौर मॉड्यूल के विपरीत, जो पैनल के केवल एक तरफ से बिजली का उत्पादन करते हैं, बाइफेशियल मॉड्यूल सौर पैनल के दोनों तरफ से बिजली का उत्पादन करते हैं।

राजनांदगांव में तैनात बाइफेशियल मॉड्यूल जमीन से परावर्तित सौर प्रकाश का भी उपयोग करने में सक्षम हैं। इससे सौर पैनलों की दक्षता बढ़ती है और अधिक बिजली उत्पन्न होती है।

सौर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली क्या है?

सौर ऊर्जा उत्पादन का एक दोष यह है कि बिजली केवल तभी उत्पन्न की जा सकती है जब पर्याप्त सूर्य का प्रकाश उपलब्ध हो। इसका मतलब है कि रात में बिजली उत्पादन नहीं होगा। इस समस्या के समाधान के लिए दिन के उजाले में सूर्य प्रकाश के माध्यम से उत्पन्न ऊर्जा को बैटरी में संग्रहित किया जाता है।

रात में, इस संग्रहीत बिजली को उपभोक्ताओं को आपूर्ति की जाती है, जिससे उपभोक्ताओं को बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होती है।

FAQ

उत्तर: टाटा पावर सोलर सिस्टम्स लिमिटेड ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में भारत की सबसे बड़ी सौर और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली परियोजना को सफलतापूर्वक चालू किया है। इस परियोजना में 100 मेगावाट की सौर फोटोवोल्टिक परियोजना और 120 मेगावाट की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) शामिल है।

उत्तर: भारत की सबसे बड़ी सौर और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) परियोजना छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में स्थापित की गई है। यह भारतीय सौर ऊर्जा निगम की एक परियोजना है। इसका निर्माण भारतीय सौर ऊर्जा निगम के लिए टाटा पावर सोलर सिस्टम्स लिमिटेड (टीपीएसएसएल) द्वारा किया गया।

उत्तर: यह छत्तीसगढ़ राज्य का एक जिला है जहां भारत का सबसे बड़ा सौर और बैटरी ऊर्जा भंडारण सिस्टम (बीईएसएस) स्थापित किया गया है।
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