भारतीय नौसेना ने दक्षिण अफ्रीकी नौसेना के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत ,भारतीय नौसेना दक्षिण अफ्रीकी नौसेना के उन पनडुब्बी कर्मियों को बचाने में मदद करेगा जो गहरे समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं।
केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने 4 सितंबर 2024 को यह जानकारी दी। दोनों नौसेनाओं के बीच यह समझौता भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच लंबे समय से चले आ रहे समुद्री संबंधों को और मजबूत करेगा।
समझौते, जिसे आधिकारिक तौर पर कार्यान्वयन समझौता कहा जाता है, पर भारतीय नौसेना के प्रमुख, एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठीऔर दक्षिण अफ्रीकी नौसेना के प्रमुख, वाइस एडमिरल मोंडे लोबेसी ने हस्ताक्षर किए।
कार्यान्वयन समझौते के तहत, भारतीय नौसेना दक्षिण अफ़्रीकी नौसेना को बचाव सहायता प्रदान करेगी यदि उसकी कोई पनडुब्बी दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है या संकट में आती है।
ऐसे मामलों में, भारतीय नौसेना, दक्षिण अफ्रीकी पनडुब्बी कर्मियों को बचाने के लिए अपने गहन जलमग्न बचाव वाहन (डीएसआरवी) का उपयोग करेगा।
दक्षिण अफ्रीका उन कुछ अफ्रीकी देशों में से एक है जिनकी नौसेना में पनडुब्बियां हैं।
सितंबर 2023 में, एक दुर्घटना के कारण एसएएस मंथातिसी पनडुब्बी पर तैनात तीन दक्षिण अफ्रीकी नौसैनिकों की जान चली गई थी । दक्षिण अफ्रीका तीन जर्मन निर्मित एचडीडबल्यू पनडुब्बियों का संचालन करता है।
गहन जलमग्न बचाव वाहन (डीएसआरवी) का उपयोग डूबे हुए पनडुब्बी कर्मियों को बचाने के लिए किया जाता है। डीएसआरवी को एक समुद्री जहाज़ के द्वारा बचाव स्थल तक ले जाया जाता है।
डीएसआरवी उस स्थान पर गोता लगाता है जहां पनडुब्बी डूबी है और फिर अपने दरवाजे को पनडुब्बी के दरवाजे के साथ मिलान करती है । इस प्रकार डूबी हुई पनडुब्बी के चालक दल के लिए डीएसआरवी में प्रवेश करने के लिए एक गलियारा बन जाता है।
डीएसआरवी बचाए गए पनडुब्बी के चालक दल को सतह पर लाती है और उन्हे एक जहाज में स्थानांतरित कर दिया जाता है ।
फुल फॉर्म
डीएसआरवी /DSRV: डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (Deep Submergence Rescue Vehicles)