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इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स ने स्वदेशी हेपेटाइटिस ए वैक्सीन लॉन्च की

Utkarsh Classes Last Updated 20-01-2024
Indian Immunologicals launches Indigenous Hepatitis-A Vaccine Health and Disease 4 min read

इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स ने ‘हेविश्योर’ नाम से देश का पहला स्वदेशी रूप से विकसित हेपेटाइटिस ए वैक्सीन लॉन्च किया है। 19 जनवरी 2024 को इसकी जानकारी इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स (आईआई) के द्वारा ही दी गई।

  • इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। आईआई ने एक बयान में कहा, वैक्सीन हेविश्योर हेपेटाइटिस ए के विरुद्ध देश की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती है।
  • हेविश्योर वैक्सीन बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा बेची जाने वाली दुनिया की अग्रणी वैक्सीन के बराबर है। 

हैविश्योर की खुराक: 

  • हैविश्योर एक दो-खुराक वाला टीका है। पहली खुराक 12 महीने से ऊपर की उम्र में दी जाती है। जबकि दूसरी खुराक पहली खुराक के कम से कम 6 महीने बाद दी जाती है।

हेपेटाइटिस ए के बारे में: 

  • हेपेटाइटिस ए एक वायरल संक्रमण है। यह मुख्य रूप से मल-मुख मार्ग से फैलता है, जिसका अर्थ है कि यह दूषित भोजन या पानी के सेवन से फैलता है। 
  • हेपेटाइटिस ए लीवर की सूजन है जो हल्के से लेकर गंभीर लक्षण पैदा कर सकती है।

हैविश्योर किसके लिए कारगर: 

  • हैदराबाद स्थित कंपनी के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) द्वारा अनुमोदित वैक्सीन बीमारी रोकने में प्रभावी है। नियमित टीकाकरण में बच्चों के लिए इसकी सिफारिश की जाती है। 
  • वैक्सीन की सिफारिश उन व्यक्तियों के लिए भी की जाती है, जो जोखिम में हैं या उच्च हेपेटाइटिस ए प्रसार वाले क्षेत्रों की यात्रा करते हैं। 
  • इसके अलावा, संक्रमण के व्यावसायिक जोखिम वाले और पुरानी जिगर की बीमारियों से पीड़ित लोगों को भी हेपेटाइटिस ए टीकाकरण की जरूरत होती है।
  • वर्तमान में हेपेटाइटिस ए के लिए वैक्सीन हमारे देश में आयात किए जाते हैं।
  • आईआई के प्रबंध निदेशक आनंद कुमार ने कहा कि वैक्सीन का आठ केंद्रों में व्यापक नैदानिक परीक्षण किया गया है। यह सुरक्षित व प्रभावकारी साबित हुआ है और यह जीएसके द्वारा दुनिया की अग्रणी वैक्सीन के बराबर है।

देश में औषधियों के अनुमोदन की प्रक्रिया तथा संस्थाएँ:

  • सेंट्रल ड्रग स्टैण्डर्ड कण्ट्रोल आर्गेनाइज़ेशन (सीडीएससीओ) भारत का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण है। 
  • सीडीएससीओ के द्वारा औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम, 1940 के तहत नई औषधियों के आयात/विनिर्माण, अनुमोदन, नैदानिक परीक्षण आदि किया जाता  है।
  • डीसीजीआई, सीडीएससीओ के अधीन एक नियामक एजेंसी है जिसके द्वारा भारत में तथा विशिष्ट श्रेणी की औषधियों हेतु लाइसेंस प्रदान किये जाते हैं। साथ ही औषधियों के विनिर्माण, विक्रय आदि हेतु मानक तय किये जाते हैं।
  • इसके साथ ही, यह राज्य औषधि नियामक प्राधिकरणों के साथ मिलकर औषधियों का विक्रय तथा वितरण प्रशासित करती है।

FAQ

उत्तर:- इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स

उत्तर:- हेविश्योर

उत्तर:- आनंद कुमार

उत्तर:- यह मुख्य रूप से लीवर को प्रभावित करता है।
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