भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने गुजरात के जामनगर में स्थित डबल्यूएचओ ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर (जीटीएमसी ) को 10 साल (2022-2032) की अवधि में 85 मिलियन डॉलर प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ ) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। अंतरिम डबल्यूएचओ जीसीटीएम जामनगर में पहले से ही कार्यात्मक है और इस धन का उपयोग केंद्र के विस्तार और इसकी अनुसंधान और विकास गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए किया जाएगा।
समझौते पर 31 जुलाई 2024 को जिनेवा, स्विट्जरलैंड में डब्ल्यूएचओ मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, अरिंदम बागची और डब्ल्यूएचओ के यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज और लाइफ कोर्स के सहायक महानिदेशक, डॉ ब्रूस आयलवर्ड द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
डबल्यूएचओ ने आयुष मंत्रालय के सहयोग से गुजरात के जामनगर में डबल्यूएचओ का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (जीसीटीएम ) स्थापित किया है।
पारंपरिक चिकित्सा, जिसे स्वदेशी चिकित्सा या लोक चिकित्सा के रूप में भी जाना जाता है, विभिन्न संस्कृतियों के लिए विशिष्ट सिद्धांतों, विश्वासों और अनुभवों पर आधारित ज्ञान, कौशल और प्रथाओं को संदर्भित करती है। इनका उपयोग शारीरिक और मानसिक बीमारी की रोकथाम, निदान, सुधार या उपचार में किया जाता है।
पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों के ज्ञान को पुनर्जीवित करने के लिए भारत सरकार ने 9 नवंबर 2014 को आयुष मंत्रालय की स्थापना की।
मंत्रालय आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा और प्रोत्साहित करता है।
आयुष मंत्री: श्री प्रतापराव जाधव, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी के रूप में की गई थी।
इसके स्थापना दिवस, 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है
डबल्यूएचओ का मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड
डबल्यूएचओ के महानिदेशक: टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस
महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
डबल्यूएचओ /WHO: वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाईजेशन (World Health Organisation)
जीटीएमसी/GTCM :ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (Global Traditional Medicine Centre)