भारतीय तट रक्षक ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए फिलीपींस तट रक्षक (पीसीजी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह दोनों देशों के तटरक्षक बल के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक थी।
समझौता ज्ञापन पर 22 अगस्त 2023 को भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक राकेश पाल और फिलीपींस तटरक्षक बल के कमांडेंट सीजी एडमिरल आर्टेमियो एम अबू द्वारा भारतीय तटरक्षक के मुख्यालय, नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए ।
समझौता ज्ञापन का उद्देश्य समुद्री कानून प्रवर्तन , समुद्री खोज और बचाव और समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया के क्षेत्र में दोनों तटरक्षकों के बीच पेशेवर जुड़ाव को बढ़ाना है। दोनों तट रक्षकों के बीच सहयोग से क्षेत्र में सुरक्षित, संरक्षित और स्वच्छ समुद्र सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
भारतीय तट रक्षक बल
भारतीय तटरक्षक बल का इतिहास
1970 में भारत सरकार द्वारा गठित नाग समिति ने समुद्री तस्करी गतिविधि की जाँच के लिए देश में एक अलग समुद्री बल स्थापित करने का सुझाव दिया। उस समय यह काम भारतीय नौसेना कार्य करती थी।
1974 में भारत सरकार ने भारतीय समुद्री संसाधनों की सुरक्षा और अवैध समुद्री गतिविधियों और तस्करी पर अंकुश लगाने के उपाय सुझाने के लिए केएफ रुस्तमजी की अध्यक्षता में एक समिति की स्थापना की।
समिति ने एक समुद्री संगठन के प्रकार का तट रक्षक स्थापित करने की सिफारिश की।
सरकार ने रुस्तमजी समिति की सिफारिश को स्वीकार कर लिया और 19 अगस्त 1978 को प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई द्वारा भारतीय तटरक्षक बल का औपचारिक उद्घाटन किया गया।
भारतीय तटरक्षक के कार्य
इसकी मुख्य भूमिका समुद्री तस्करी को रोकना, द्वीपों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और समुद्र में भारतीय मछुआरों और नाविकों को सुरक्षा और सहायता प्रदान करना है।
प्रशासनिक नियंत्रण
भारतीय तटरक्षक बल केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
भारतीय तटरक्षक का आदर्श वाक्य: "वयं रक्षामः - हम रक्षा करते हैं"
मुख्यालय: रक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली
महानिदेशक: राकेश पाल