केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने भारत और जापान के बीच मजबूत साझेदारी पर जोर दिया, जो सुरक्षा, व्यापार और अर्थशास्त्र जैसे पारंपरिक क्षेत्रों से आगे बढ़कर प्रौद्योगिकी और कौशल को भी शामिल करती है। भारत-जापान साझेदारी एशिया, इंडो-पैसिफिक और दुनिया के भविष्य के लिए एक निर्णायक साझेदारी है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच सुरक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में साझेदारी काफी बढ़ी है। अब, वे प्रौद्योगिकी और कौशल विकास के क्षेत्र में अपने सहयोग को और मजबूत कर रहे हैं।
2015 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा भारतीयों के कौशल, पुन: कौशल और उन्नयन की क्षमताओं और क्षमताओं के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया।
इन का लक्ष्य अर्थव्यवस्था में आने वाले अवसरों और चुनौतियों से निपटने के लिए भविष्य के लिए तैयार करना है।
बैठक के दौरान, डिजिटलीकरण के रुझान, उभरती नई प्रौद्योगिकियों और उनके परिणामस्वरूप होने वाले व्यवधान पर चर्चा की गई, जिसमें एआई, इंटरनेट का भविष्य, अर्धचालक या इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं।
सम्बन्ध: भारत और जापान
भारत और जापान ने 28 अप्रैल 1952 को राजनयिक संबंध स्थापित किये।
जापान को भारत के आर्थिक परिवर्तन में एक प्रमुख भागीदार माना जाता है।
बुनियादी जानकारी: जापान
प्रधान मंत्री: किशिदा फुमियो
राजधानी: टोक्यो
मुद्रा: जापानी येन
सरकार का स्वरूप: संवैधानिक राजतंत्र