भारत ने 7 नवंबर 2023 को ओडिशा तट के अब्दुल कलाम द्वीप से सतह से सतह पर मार कर सकने वाली कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (एसआरबीएम) 'प्रलय' का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस दौरान मिसाइल ने अपने सभी मिशन उद्देश्यों को सफलता पूर्वक पूर्ण किया।
प्रलय मिसाइल का निर्माण:
- प्रलय मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है।
- इस मिसाइल का निर्माण कार्य वर्ष 2015 में ही आरंभ किया गया था।
'प्रलय' मिसाइल की विशेषता:
- प्रलय मिसाइल 350-500 किमी के कम दूरी की, सतह से सतह पर मार कर सकने वाली मिसाइल है।
- कम रेंज का लाभ यह है कि सीमा के पास स्थित दुश्मन के अड्डों को काफी कम समय में नष्ट किया जा सकता है।
- प्रलय की भार-वहन क्षमता 500-1,000 किलोग्राम है।
- प्रलय, ठोस-ईंधन द्वारा संचालित और पृथ्वी रक्षा वाहन पर आधारित मिसाइल है।
- प्रलय मिसाइल को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनाती के लिए विकसित किया गया है।
- प्रलय मिसाइल की तुलना चीन की 'डोंग फेंग 12' और रूस की 'इस्केंडर' से की जा सकती है, जिसका उपयोग यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में किया गया है।
- पाकिस्तान के पास भी इस रेंज और श्रेणी की कई मिसाइल गजनवी, एम-11 (चीन से प्राप्त) और शाहीन मिसाइल मौजूद है।
- सेना की आवश्यकता अनुसार इस मिसाइल की मारक क्षमता को और भी बढाया जा सकता है।
- डीआरडीओ द्वारा इसे इस तरह से विकसित किया गया है कि यह इंटरसेप्टर मिसाइल को भी चकमा देने में सक्षम है।
- 'प्रलय' हवा में कुछ दूरी तय करने के बाद अपना मार्ग परिवर्तन करने में भी सक्षम है। इसमें ठोस-प्रणोदक रॉकेट मोटर के साथ ही अन्य अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है।
- प्रलय मिसाइल की टर्मिनल फेज में स्पीड 1200 किलोमीटर प्रतिघंटे होगी। लेकिन यह आगे बढ़कर 2000 किलोमीटर प्रतिघंटे तक भी जा सकती है। अर्थात यह हवा से लक्ष्य पर गिरते समय इसकी गति अधिक हो जाती है। क्योंकि उस समय गुरुत्वाकर्षण बल भी काम करने लगता है।
प्रलय मिसाइल की तुलना:
- रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के डोंग फेंग 12 और रूस की इस्केंडर मिसाइलों की तुलना भारत की प्रलय मिसाइल से की जा सकती है।
भारत में इस तरह की अन्य मिसाइल:
- अक्टूबर 2023 में भारतीय वायुसेना ने लंबी दूरी की हवा से लॉन्च की जाने वाली ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।
- वायुसेना ने बंगाल की खाड़ी में यह परीक्षण किया गया, जिसमें फाइटर जेट सुखोई-30एमकेआई से ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल लॉन्च की गई।
- यह मिसाइल 1500 किलोमीटर की दूरी तक अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। ब्रह्मोस मिसाइल भारत के सबसे घातक हथियारों में से एक है।
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