हाल ही में जारी इंडस वैली रिपोर्ट 2025 के अनुसार, भारत, 2024 में प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) में वैश्विक नेता के रूप में उभरा है। भारतीय कंपनियों ने 2024 में आईपीओ के माध्यम से 19.5 बिलियन डॉलर जुटाए, जो दुनिया भर में आईपीओ का 23% है।
इंडस वैली रिपोर्ट 2025मुंबई स्थित ब्लूम वेंचर्स एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा जारी की गई थी।
इंडस वैली रिपोर्ट 2025 की मुख्य बातें
- 2024 में देश में 268 आईपीओ आए। 268 आईपीओ में से 90 स्टॉक एक्सचेंजों के मुख्य बोर्ड पर सूचीबद्ध हुए जबकि, 178 स्टॉक एक्सचेंजों के छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) खंड पर सूचीबद्ध हुए।
- आईपीओ के माध्यम से $19,5 बिलियन जुटाए गए जो 2024 में आईपीओ के माध्यम से जुटाए गए वैश्विक धन का 23% था।
- 2024 में, हुंडई मोटर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड द्वारा भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ जारी किया गया था।
- हुयांडी मोटर्स का 27,870 करोड़ रुपये या 3.31 बिलियन डॉलर का आईपीओ, 2024 में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ भी था।
- 2024 का सबसे बड़ा 5.1 बिलियन डॉलर का आईपीओ संयुक्त राज्य अमेरिका की लाइनेज कंपनी द्वारा जारी किया गया था।
- 2021 के बाद भारत में उद्यम पूँजीदाता समर्थित आईपीओ द्वारा जुटाई गई धनराशि 2021 से पहले सभी उद्यम पूँजीदाता समर्थित आईपीओ द्वारा जुटाई गई कुल राशि की तुलना में दोगुनी से अधिक हो गई है।
- एसएमई आईपीओ का औसत बाजार पूंजीकरण 2012 के बाद से 4.5 गुना बढ़ गया है और 2024 में लगभग 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
सार्वजनिक निर्गम और आईपीओ क्या है?
सार्वजनिक निर्गम
- सार्वजनिक निर्गम से तात्पर्य कंपनियों द्वारा अपनी प्रतिभूतियों जैसे शेयर, डिबेंचर, बांड आदि को आम जनता को बेचकर जुटाए गए निधि से है।
- कंपनी को पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों और विनियमों का पालन करना होता है।
- सार्वजनिक निर्गम या तो प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) या आगे सार्वजनिक पेशकश (एफपीओ) हो सकता है।
प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ)
- जब कोई असूचीबद्ध कंपनी अपनी प्रतिभूतियाँ जनता को बेचती है, तो इसे प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) कहा जाता है।
- आईपीओ के सफल समापन के बाद कंपनियों के प्रस्तावित शेयर, बॉन्ड या डिबेंचर को एक मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जाता है। आम निवेशक इन स्टॉक एक्सचेंज पर अपनी प्रतिभूतियाँ खरीद या बेच सकते है।
- असूचीबद्ध कंपनी उस कंपनी को संदर्भित करती है जिसकी प्रतिभूतियाँ (शेयर, डिबेंचर या अन्य उपकरण) किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं हैं।
- एक कंपनी अपने सफल आईपीओ के बाद सूचीबद्ध हो जाती है।
फ़र्दर ऑन पब्लिक ऑफरिंग (एफपीओ)
- जब कोई सूचीबद्ध कंपनी अपनी प्रतिभूतियां जनता को बेचती है तो इसे फ़र्दर ऑन पब्लिक ऑफरिंग (एफपीओ) कहा जाता है।
- इस प्रकार जब भी कोई सूचीबद्ध कंपनी अपनी प्रतिभूतियाँ जनता को बेचती है तो उसे हमेशा एफपीओ कहा जाएगा।