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भारत 'संदर्भ' ईंधन का उत्पादन शुरू कर चुनिंदा देशों में हुआ शामिल

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
India joins select list of countries, starts producing ‘Reference’ fuel Energy 7 min read
  1. भारत ने 26 अक्टूबर 2023 को 'रेफरेंस' पेट्रोल और डीजल का उत्पादन आरंभ किया है। इससे भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जो अत्यधिक विशिष्ट ईंधन का उत्पादन करते हैं जिसका उपयोग ऑटोमोबाइल के परीक्षण के लिए किया जाता है।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम: 

  • भारत में 'संदर्भ' ईंधन का उत्पादन शुरू करना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम है क्योंकि इससे भारत की विदेशों से खनिज तेल के आयात की निर्भरता कम हो जाएगी।
  • उच्च विशिष्टताओं वाला ये ईंधन, ऑटोमोबाइल निर्माताओं और इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया जैसी परीक्षण एजेंसियों द्वारा परीक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। 
  • भारत दशकों से, इन विशेष ईंधनों की माँग को पूर्ण करने के लिए आयात पर निर्भर रहा है।

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने यह तकनीक विकसित किया है: 

  • इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित यह उत्पाद आयात पर भारत की निर्भरता को कम करेगा। जिससे वाहन निर्माताओं और परीक्षण एजेंसियों के लिए बहुत कम लागत पर विश्वसनीय ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
  • इस सन्दर्भ में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि दुनिया में "संदर्भ ईंधन" के केवल तीन आपूर्तिकर्ता हैं जिनमें अमेरिकी दिग्गज शेवरॉन भी शामिल है।

पारादीप रिफाइनरी पानीपत से 'रेफरेंस' ईंधन का उत्पादन करेगी

  • ओडिशा में आईओसी की पारादीप रिफाइनरी  में 'रेफरेंस' ग्रेड पेट्रोल का उत्पादन किया जाएगा। यहाँ से संदर्भ गैसोलीन (पेट्रोल) ईंधन E0, E5, E10, E20, E85, E100 में उपलब्ध होगा।
  • जबकि हरियाणा में इसकी पानीपत इकाई द्वारा "संदर्भ डीजल" ईंधन गुणवत्ता वाले बी7 ग्रेड डीजल का उत्पादन किया जाएगा। 

आईओसी के नियमित और प्रीमियम ईंधन: 

  • आईओसी के खुदरा ईंधन विक्रेता(पेट्रोल पंप) अपने ईंधन स्टेशन नेटवर्क के माध्यम से मुख्य रूप से दो प्रकार के पेट्रोल और डीजल बेचते हैं - नियमित(सामान्य) और प्रीमियम। 
  • सामान्य और प्रीमियम ईंधन के बीच सबसे बड़ा अंतर ऑक्टेन नंबर में होता है। नियमित ईंधन का ऑक्टेन नंबर 87 होता है। जबकि प्रीमियम ईंधन का ऑक्टेन नंबर 91 होता है। 
  • "संदर्भ" ग्रेड ईंधन 97 ऑक्टेन नंबर के साथ आता है।

क्या है ऑक्टेन नंबर? 

  • ऑक्टेन नंबर वस्तुतः और कुछ नहीं बल्कि पेट्रोल या डीजल की ज्वलन गुणवत्ता को मापने की एक इकाई है।
  • वाहन परीक्षण उद्देश्यों के लिए, ईंधन को नियमित या प्रीमियम पेट्रोल और डीजल की तुलना में उच्च ग्रेड का होना चाहिए। 

संदर्भ ईंधन क्या है? 

  • इसमें सेटेन संख्या से लेकर फ्लैश प्वाइंट, चिपचिपाहट, सल्फर और पानी की मात्रा, हाइड्रोजन शुद्धता और एसिड संख्या तक - सरकारी नियमों के तहत सूचीबद्ध होता है, ऐसे ईंधन को 'संदर्भ' पेट्रोल/डीजल के रूप में जाना जाता है।

संदर्भ ईंधन का उपयोग: 

  • इन संदर्भ ईंधनों का उपयोग मुख्यतः स्पार्क इग्निशन इंजन से लैस वाहनों के उत्सर्जन परीक्षण के लिए किया जाता है।
  • संदर्भ ईंधन (गैसोलीन और डीजल) प्रीमियम उच्च-मूल्य वाले उत्पाद हैं, जिनका उपयोग ऑटो ओईएम और ऑटोमोटिव क्षेत्र में परीक्षण और प्रमाणन में शामिल संगठनों द्वारा वाहनों के अंशांकन और परीक्षण के लिए किया जाता है।

घरेलू स्तर पर 'संदर्भ' ईंधन के उत्पादन से लागत में कमी आएगी: 

  • घरेलू स्तर पर 'संदर्भ' ईंधन का उत्पादन करने से लागत में भी कमी आएगी। 
  • नियमित पेट्रोल और डीजल की कीमत 90-96 रुपये प्रति लीटर के मुकाबले आयातित 'संदर्भ' ईंधन 800-850 रुपये में आता है। 
  • घरेलू स्तर पर 'संदर्भ' ईंधन का उत्पादन करने से इसकी लागत लगभग 450 रुपये प्रति लीटर तक कम होगी।
  • सरकार के आत्मनिर्भर बनने के उद्देश्य के अनुरूप आईओसी ने अपनी रिफाइनरियों में ईंधन का उत्पादन आरंभ  कर दिया है।

इससे होने वाले लाभ: 

  • स्वदेशी रूप से विकसित संदर्भ ईंधन वाहन निर्माताओं के लिए बेहतर कीमत और न्यूनतम समय पर आयात प्रतिस्थापन को बढ़ावा देगा।

देश में आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल का 90% बाज़ार पर नियंत्रण: 

  • देश में आईओसी के अलावा, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) देश में अन्य दो प्रमुख ईंधन खुदरा विक्रेता हैं। 
  • ये तीनों सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियाँ लगभग 90% बाज़ार पर नियंत्रण रखती हैं।

2047 तक देश को 'ऊर्जा-स्वतंत्र' बनाने का लक्ष्य: 

  • केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी के अनुसार घरेलू आवश्यकताओं को पूर्ण करने के बाद, आईओसी ईंधन के लिए निर्यात बाजार का भी दोहन करेगी।
  • केंद्रीय मंत्री ने 2047 तक देश को 'ऊर्जा-स्वतंत्र' बनाने के लिए सरकार द्वारा अपनाई गई ‘चार-आयामी ऊर्जा सुरक्षा रणनीति’ का उल्लेख किया।
  • ‘चार-आयामी ऊर्जा सुरक्षा रणनीति’ में ऊर्जा आपूर्ति का विविधीकरण, अन्वेषण और उत्पादन पदचिह्न बढ़ाना, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत और गैस आधारित अर्थव्यवस्था के माध्यम से ऊर्जा संक्रमण को पूरा करना, और हरित हाइड्रोजन और ईवी शामिल हैं।

कार्बन उत्सर्जन कम करने हेतु 2025 तक 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का उपयोग: 

  • कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि 20 प्रतिशत इथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल का रोलआउट 2030 की पिछली समय सीमा से कम करके 2025 कर दिया गया है।
  • इस सन्दर्भ में केंद्रीय मंत्री के अनुसार अक्टूबर 2023 तक 12% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त  कर लिया गया है। देश में 5,000 पेट्रोल पंप पहले से ही 20% इथेनॉल बेच रहे हैं। 

FAQ

ऑक्टेन संख्या इंजनों में प्रतिरोध देने के लिए गैसोलीन के प्रतिरोध का एक माप है।

97 ऑक्टेन संख्या

जामनगर रिफाइनरी (गुजरात)

हरदीप सिंह पुरी

ओडिशा

2047

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (OIL)

2025
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