हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक लोवी संस्थान द्वारा जारी एशियन पावर इंडेक्स रिपोर्ट 2024 के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद भारत एशिया में तीसरा सबसे शक्तिशाली देश है। पिछले साल 2023 की रिपोर्ट में भारत को एशिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश बताया गया था, लेकिन इस साल भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए एशिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है।
लोवी संस्थान ने एशिया में देशों को उनके संसाधनों और प्रभावों के आधार पर रैंक करने के लिए 2018 में पहला वार्षिक एशिया पावर इंडेक्स जारी किया।
2024 एशिया पावर इंडेक्स रिपोर्ट में 27 देशों और क्षेत्रों को रैंक दिया गया है। पहली बार, दक्षिण पूर्व एशियाई देश तिमोर लेस्ते को इस रिपोर्ट में शामिल किया गया है।
यह इंडेक्स ,आठ विषयगत उपायों: सैन्य क्षमता और रक्षा नेटवर्क, आर्थिक क्षमता और रिश्ते, राजनयिक और सांस्कृतिक प्रभाव, लचीलापन और भविष्य के संसाधन के 131 संकेतकों पर देशों की शक्ति का मूल्यांकन करती है।
रिपोर्ट एशियाई क्षेत्र में शक्ति संतुलन की बदलती गतिशीलता पर प्रकाश डालती है। इस रिपोर्ट में हमेशा की तरह सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन को एशिया में महाशक्ति( सुपर पावर) का दर्जा दिया गया है ।
संयुक्त राज्य अमेरिका
रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्षेत्र में सबसे प्रमुख शक्ति के रूप में अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सैन्य क्षमता के मामले में चीन तेजी से अमेरिका की बराबरी कर रहा हैलेकिन रिपोर्ट ने यह माना है की अभी भी अमेरिका, सैन्य रूप से इस क्षेत्र में चीन से ज्यादा ताकतवर है।
चीन की स्थिर शक्ति
रिपोर्ट के अनुसार चीन की शक्ति में कोई बदलाव नहीं आया है और उसकी शक्तियाँ स्थिर है। उसकी शक्तियाँ न तो बढ़ रहा है और न ही घट रही है। लेकिन चीन , एशिया में अमेरिका के बाद दूसरी सबसे शक्तिशाली देश है और अन्य देशों के मुक़ाबले ,चीन बहुत ही शक्तिशाली है।
भारत का धीमा उदय
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की ताकत बढ़ रही है लेकिन इसकी रफ्तार धीमी है । रेप्रोत का यह मानना है की इस क्षेत्र में भारत का वास्तविक प्रभाव इसकी क्षमता से काफी कम है। रिपोर्ट कहता है की मलक्का जलडमरूमध्य के पूर्व में भारत की शक्ति प्रदर्शन करने की क्षमता सीमित है।
हालाँकि, रिपोर्ट यह भी कहती है कि भारत में एक प्रमुख शक्ति बनने की क्षमता है क्योंकि उसके पास विशाल युवा आबादी, भूभाग और अर्थव्यवस्था है। क्रय शक्ति समानता के आधार पर भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
रूस का पतन
यूक्रेन युद्ध के कारण ,एशियाई क्षेत्र में रूसी शक्ति और प्रभाव में गिरावट आई है क्योंकि रूस के अधिकतर संसाधनों और समय का उपयोग यूक्रेन में युद्ध की लिया किया जा रहा है।
जापान का एक सैन्य शक्ति के रूप में उदय
अपने क्षेत्र में आक्रामक और दबंग चीन का सामना कर रहे जापान ने, चीन का मुकाबला करने के लिए अपने रक्षा बजट को बढ़ा रहा है। जापान अब एक आर्थिक और सांस्कृतिक महाशक्ति से रक्षा और सुरक्षा में बहुत अधिक सक्रिय शक्ति में बदल रहा है।
एशिया पावर इंडेक्स रिपोर्ट 2024 के अनुसार, एशिया के शीर्ष दस सबसे शक्तिशाली देश निम्नलिखित हैं।
रैंक |
देश |
अंक |
2023 की तुलना में रैंक में बदलाव |
1 |
संयुक्त राज्य अमेरिका |
81.7 |
कोई परिवर्तन नहीं । |
2 |
चीन |
72.7 |
कोई परिवर्तन नहीं । |
3 |
भारत |
39.1 |
एक रैंक की बढ़ोतरी । |
4 |
जापान |
38.9 |
एक रैंक की गिरावट । |
5 |
ऑस्ट्रेलिया |
31.9 |
एक रैंक की बढ़ोतरी। |
6 |
रूस |
31.1 |
एक रैंक की गिरावट। |
7 |
दक्षिण कोरिया |
31.0 |
कोई परिवर्तन नहीं। |
8 |
सिंगापुर |
26.4 |
कोई परिवर्तन नहीं। |
9 |
इंडोनेशिया |
22.3 |
कोई परिवर्तन नहीं। |
10 |
थाईलैंड |
19.8 |
कोई परिवर्तन नहीं। |