हैदराबाद स्थित भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) को संस्थागत श्रेणी में 2025 सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के लिए चुना गया है। इस वर्ष पुरस्कार के लिए किसी व्यक्ति को नहीं चुना गया है।
सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की घोषणा भारत सरकार द्वारा हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर की जाती है। 2021 से भारत सरकार 23 जनवरी को हर साल पराक्रम दिवस के रूप में मनाती है।
2025 पराक्रम दिवस का विषय
2025 पराक्रम दिवस का विषय "नेताजी: साहस, दृढ़ संकल्प और देशभक्ति" थी।
इस वर्ष पराक्रम दिवस समारोह ओडिशा के कटक में स्थित बाराबती किले में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की।
इस समारोह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया।
सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के बारे में
- सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की स्थापना भारत सरकार द्वारा 2019 में की गई थी।
- इस पुरस्कार का संचालन केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग द्वारा किया जाता है।
- पुरस्कार व्यक्तिगत और संस्थागत श्रेणियों में किसी भारतीय नागरिक या संस्थान को दिए जाते हैं।
- यह पुरस्कार आपदा प्रबंधन के क्षेत्रों जैसे रोकथाम, शमन, तैयारी, बचाव, प्रतिक्रिया, पुनर्वास, राहत, अनुसंधान/नवाचार, या प्रारंभिक चेतावनी में उत्कृष्टता के लिए दिया जाता है।
- संस्थागत विजेताओं के लिए नकद पुरस्कार 51 लाख रुपये और एक प्रमाण पत्र है और व्यक्तिगत विजेताओं के मामले में नकद पुरस्कार 5 लाख रुपये और एक प्रमाण पत्र है।
- संस्थागत श्रेणी में विजेता द्वारा नकद पुरस्कार का उपयोग केवल आपदा प्रबंधन से संबंधित गतिविधियों के लिए किया जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) के बारे में
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है।
इसकी स्थापना 1999 में हैदराबाद, तेलंगाना में हुई थी।
आईएनसीओआईएस के कार्य
- सूचना प्रबंधन और महासागर मॉडलिंग में व्यवस्थित और केंद्रित अनुसंधान के माध्यम से वैज्ञानिक समुदाय, सरकार, उद्योग आदि जैसे हितधारकों को महासागर डेटा, सूचना और सलाहकार सेवाएं प्रदान करना।
आपदा प्रबंधन में भूमिका
- आईएनसीओआईएस ने भारतीय सुनामी प्रारंभिक चेतावनी केंद्र (आईटीईडब्ल्यूसी) की स्थापना की है और यह उसका प्रबंधन करता है। यह केंद्र भारत और 28 हिंद महासागर देशों को 10 मिनट के भीतर सुनामी अलर्ट प्रदान करता है।
- इस संस्था को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा शीर्ष सुनामी सेवा प्रदाता के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- यह चक्रवात, उच्च-लहर और तूफानी उछाल से संबंधित पूर्वानुमान प्रदान करता है।
- इसका खोज और बचाव सहायक उपकरण (एसएआरएटी) भारतीय तटरक्षक, नौसेना और तटीय सुरक्षा पुलिस को समुद्र में खोए हुए व्यक्तियों या वस्तुओं का पता लगाने में मदद करता है।
- यह सिनॉप्स विज़ुअलाइज़ेशन प्लेटफ़ॉर्म संचालित करता है जो चरम घटनाओं के दौरान प्रतिक्रिया समन्वय को मजबूत करने के लिए वास्तविक समय के डेटा को एकीकृत करता है।