हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आबकारी एवं कराधान विभाग के माध्यम से वन टाइम सेटलमेंट-2023 (ओटीएस) योजना शुरू की है।
इस योजना का उद्देश्य जीएसटी के कार्यान्वयन से पहले बकाया किसी भी कर भुगतान का समाधान करना है।
करों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें जीएसटी से पहले प्रभावी सात कर अधिनियमों से संबंधित मामलों के लिए ब्याज और दंड से छूट दी गई है।
1. बिना विवाद वाले मामलों के लिए, करदाताओं को बिना किसी दंड या ब्याज के देय राशि का 100% भुगतान करना होगा।
2. 50 लाख रुपये से कम के विवादित करों के लिए, करदाताओं को बकाया राशि का 30% भुगतान करना होगा।
3. विभाग द्वारा निर्धारित निर्विवाद करों के लिए, करदाताओं को जुर्माने और ब्याज से राहत के साथ 40% (50 लाख रुपये से कम की राशि के लिए) या 60% (50 लाख रुपये से अधिक की राशि के लिए) का भुगतान करना होगा।
4. कर दरों में अंतर के कारण बकाया राशि के लिए, करदाताओं को कुल देय राशि का केवल 30% भुगतान करना होगा।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कार्यक्रम का उद्देश्य सार्वजनिक कल्याण को बढ़ावा देना और समाज की सेवा करना है, जो इन लक्ष्यों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जीएसटी एक एकीकृत कर प्रणाली है जो केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा लगाए गए कई अप्रत्यक्ष करों की जगह लेती है। केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को जीएसटी लगाने का अधिकार है।