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सरकार ने मणिपुर, अरुणाचल और नागालैंड में शस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम को 6 महीने के लिए बढ़ाया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Government extends AFSPA in Manipur , Arunachal and Nagaland  for 6 months Bill and Act 5 min read

मणिपुर राज्य सरकार ने 1 अक्टूबर, 2023 से 6 महीने की अवधि के लिए राज्य के 19 पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर सभी पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (एएफएसपीए) 1958 के प्रावधानों को को बढ़ा दिया है।

इससे पहले केंद्र सरकार ने 26 सितंबर 2023 को अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के कुछ क्षेत्रों में एएफएसपीए 1958 के प्रावधानों को 1 अक्टूबर, 2023 से 6 महीने की अवधि के लिए बढ़ा दिया था।

नागा पीपुल्स मूवमेंट ऑफ ह्यूमन राइट्स बनाम यूनियन ऑफ इंडिया, 1998 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था  कि छह महीने की समाप्ति से पहले सरकार द्वारा घोषित अशांत क्षेत्रों की समीक्षा की अनिवार्य होगी । इन  राज्यों में ,वर्तमान छह महीने की अवधि , 30 सितंबर 2023 को समाप्त होने वाले 

थी ।

मणिपुर में छह महीने के लिए प्रावधान का विस्तार

27 सितंबर 2023 को मणिपुर सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्यपाल अनुसुइया उइके ने 19 पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे मणिपुर राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित करने को मंजूरी दे दी है।

एएफएसए अधिनियम 1958 के तहत राज्य के राज्यपाल के पास पूरे राज्य या उसके कुछ हिस्से को अशांत क्षेत्र घोषित करने की शक्ति है।

वे पुलिस स्टेशन क्षेत्र जहां अशांत क्षेत्र अधिनियम लागू नहीं किया गया है वे हैं इम्फाल, लाम्फेल, सिटी, सिंगजामेई, सेकमाई, लैमसांग, पास्टोल, वांगोई, पोरोम्पैट, हेंगांग, लामलाई, इरिबुंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नंबोल, मोइरंग, काकचिन और जिरबाम.

मणिपुर में अशांति

मणिपुर में मौजूदा संघर्ष उस समय  शुरू हुआ जब अप्रैल 2023 में मणिपुर उच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित किया और राज्य सरकार से मैतेई को अनुसूचित जनजाति श्रेणी के तहत शामिल करने के लिए चार सप्ताह के भीतर केंद्र को सिफारिश भेजने को कहा। कुकी समुदाय ने इसका विरोध किया जिसके कारण 3 मई 2023 को मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और कुकी के बीच हिंसक झड़प हुई और जारी हिंसा में अभी तक 170 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका है। राज्य में अभी भी हिंसा की घटना लगातार हो रही है। 

अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के कुछ हिस्सों में एएफ़एसपीए  का विस्तार 

26 सितंबर 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में, केंद्र सरकार ने नागालैंड के पूरे आठ जिलों और पांच अन्य जिलों के 21 पुलिस स्टेशनों के क्षेत्रों में, एएफ़पीएसए को अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। यह 1 अक्टूबर, 2023 से प्रभावी होगा।

अरुणाचल प्रदेश में इस कानून के प्रावधानों को तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों में और नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में विस्तारित किया गया है।

सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम 1958

  • सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम 1958, सितंबर 1958 में अधिनियमित किया गया था।
  • यह पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा पर लागू है।
  • अधिनियम के तहत राज्य के राज्यपाल या केंद्र सरकार को पूरे राज्य या उसके कुछ हिस्से को अशांत क्षेत्र घोषित करने की शक्ति है।
  • अशांत क्षेत्र में सक्रिय सुरक्षा बलों को इस कानून के तहत  प्रदर्शनकारियों या संदिग्ध व्यक्तियों पर गोली चलाने की शक्ति सहित कई अन्य विशेष शक्तियाँ प्राप्त हैं।
  • एएफएसपी अधिनियम के प्रावधान छह महीने की अवधि के लिए वैध हैं। हालाँकि सरकार हर छह महीने के बाद एएफएसए को बढ़ा सकती है।
  • एएफएसपी अधिनियम 1958 के प्रावधान बहुत कड़े हैं। इसे इन क्षेत्रों में सक्रिय विद्रोही समूहों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को विशेष अधिकार देने के लिए अधिनियमित किया गया था। 
  • हालाँकि सुरक्षा बलों को दी गई व्यापक शक्तियों के कारण मानवाधिकारों के उल्लंघन और ज्यादती के मामले भी सामने आए हैं।

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण  फुल फॉर्म 

एएफ़एसपीएए (AFSPA): आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावरस एक्ट(Armed Force Special Powers Act)

FAQ

उत्तर : मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने ,सरकार द्वारा इसे 1 अक्टूबर, 2023 से 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।

उत्तर: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने, इसे 1 अक्टूबर, 2023 से 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।

उत्तर : पावरस, आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावरस एक्ट

उत्तर: यह उत्तर-पूर्वी राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा पर लागू हो सकते है।

उत्तर : नागा पीपुल्स मूवमेंट ऑफ ह्यूमन राइट्स बनाम यूनियन ऑफ इंडिया, 1998
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