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सरकार ने डीएसटी की एकीकृत विज्ञान धारा योजना को मंजूरी दी

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Government approves Unified Vigyan Dhara scheme of  the DST Government Scheme 4 min read

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की तीन केंद्रीय योजनाओं को एक नई योजना, 'विज्ञान धारा' में विलय करने की मंजूरी दे दी है।

सरकार के अनुसार, दोहरी खर्च से बचने, उपयोग दक्षता को प्रोत्साहित करने और उप-योजनाओं के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए योजना का विलय कर दिया गया है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है। विभाग एक नोडल निकाय है जो देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का आयोजन, समन्वय और संवर्धन से जुड़ी गतिविधियों का संचालन करता है।

'विज्ञान धारा' में विलीन योजनाएं

विज्ञान धारा में विलय की गई तीन योजनाएं नई योजना के घटकों के रूप में जारी रहेंगी। 'विज्ञान धारा' योजना के घटकों के रूप में विलयित योजना हैं:

  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) से संबंधित संस्थागत तथा मानव क्षमता निर्माण,
  • अनुसंधान एवं विकास और
  • नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास तथा तैनाती।

'विज्ञान धारा' योजना की अवधि और परिव्यय

  • 'विज्ञान धारा' योजना 2021-22 से 2025-26 तक है।
  • पांच वर्षीय विज्ञान धारा योजना के लिए प्रस्तावित परिव्यय 10,579.84 करोड़ रुपये है। 
  • यह परिव्यय 15वें वित्त आयोग की 2021-22 से 2025-26 की अवधि के साथ होगी।

विज्ञान धारा योजना का उद्देश्य

विज्ञान धारा योजना सरकार के विकसित भारत 2024 के लक्ष्य को साकार करने के लिए पंचवर्षीय योजनाएँ बनाएगी।

योजना का अनुसंधान और विकास घटक अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) के उद्देश्यों के अनुरूप होगा। 

एएनआरएफ की स्थापना अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) 2023 अधिनियम के तहत की गई थी। यह भारत के उच्च शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) को बढ़ावा देने और अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति विकसित करने पर केंद्रित है।

विज्ञान धारा योजना का मुख्य उद्देश्य है: 

  • देश में प्रशिक्षित मानव संसाधनों का निर्माण करके विज्ञान और प्रौद्योगिकी में क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना,
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए देश में एक नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना ,
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी के  क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करके विज्ञान और प्रौद्योगिकी और नवाचार में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना,
  • शैक्षणिक संस्थानों में अच्छी तरह से सुसज्जित अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं की स्थापना में मदद करके देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना,
  • देश में पूर्णकालिक समकक्ष (एफटीई) शोधकर्ता संख्या में बढ़ावा देना,
  • देश में स्कूल स्तर से लेकर उच्च शिक्षा तक, उद्योगों और स्टार्टअप्स तक सभी स्तरों पर नवाचारों को बढ़ावा देना।
  • शिक्षा जगत, सरकार और उद्योगों के बीच सहयोग बढ़ावा देना ।

FAQ

उत्तर: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) से संबंधित संस्थागत तथा मानव क्षमता निर्माण,अनुसंधान एवं विकास और नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास तथा तैनाती।

उत्तर: 2021-22 से 2025-26 तक पांच वर्ष के लिए ।

उत्तर: 2021-22 से 2025-26 तक 10,579.84 करोड़ रुपये.

उत्तर : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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