भारत में भौगोलिक संकेत (जीआई) पंजीकृत उत्पादों की संख्या 600 से अधिक हो गई है, जिसमें उत्तर प्रदेश 69 उत्पादों के साथ सूची में शीर्ष पर है। उत्तर प्रदेश का वाराणसी जिला एक ही भौगोलिक स्थान से जीआई टैग वाले सबसे अधिक उत्पादों के रूप में उभरा है। वाराणसी में बनारस ठंडई, बनारस शहनाई, बनारस तबला, बनारस लाल पेड़ा, बनारस भित्ति चित्र इत्यादि जैसे 30 प्रमाणित उत्पाद जीआई टैग सूची में शामिल हैं।
पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक (सीजीपीडीटीएम) उन्नत पी पंडित के अनुसार, 31 मार्च 2024 तक जीआई टैग प्राप्त भारतीय उत्पादों की कुल संख्या 635 हो गई है। पिछले 20 वर्षों में पेटेंट कार्यालय में दायर किए गए 1,158 आवेदनों में से 635 अब जीआई-पंजीकृत हैं।
पेटेंट कार्यालय के अनुसार, हाल ही में प्रसिद्ध हैदराबाद लाख की चूड़ियों को जीआई प्रमाणन मिला है। इसके अलावा, तेलंगाना की प्रसिद्ध वारंगल चपाता मिर्च, बालानगर कस्टर्ड सेब, नलगोंडा ओरिएंटल अचार तरबूज (डोसाकाई), निज़ामाबाद तूर मेरिक और नागरकुर्नूल जिले के कोल्लापुर आम अभी जीआई पंजीकरण प्रक्रिया के तहत हैं।
भौगोलिक संकेत (जीआई) एक ऐसा चिह्न है जिसे किसी विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति वाले उत्पादों को दिया जाता है और उनमें उस उत्पत्ति के कारण उस विशिष्ट भौगोलिक की गुण या प्रतिष्ठा शामिल होती है।
2023-24 के दौरान, 160 उत्पादों को पेटेंट कार्यालय द्वारा जीआई टैग प्रदान किए गए, जो 2022-23 की तुलना में 300 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। जिन 160 उत्पादों को जीआई टैग दिए गए थे, उनमें से 63 उत्पादों को जीआई टैग सिर्फ 30 मार्च 2024 के दिन प्रदान किये गए थे।
जिन 160 उत्पादों को जीआई टैग प्रदान किया गया, उनमें से प्रमुख उत्पाद निम्नलिखित हैं-
2023-24 के दौरान जिन 160 उत्पादों को जीआई टैग पंजीकरण प्राप्त हुआ, उनमें से अधिकतम संख्या निम्नलिखित राज्यों से थी।
पिछले साल तमिलनाडु जीआई टैग पंजीकरण में अग्रणी राज्य था।
पेटेंट कार्यालय के अनुसार, इस वर्ष 30 मार्च 2024 को एक ही दिन में रिकॉर्ड 63 जीआई टैग जारी किए गए। जीआई टैग दिए जाने वाले उत्पादों की अधिकतम संख्या निम्नलिखित राज्यों से थी।
भौगोलिक संकेत टैग कृषि, प्राकृतिक या निर्मित वस्तुओं को दिया जाता है जो एक निश्चित क्षेत्र से उत्पादित होते हैं। उत्पादों का निर्माण या उत्पादन चिन्हित क्षेत्र में किया जाएगा और उसमें क्षेत्र की विशेष गुणवत्ता या प्रतिष्ठा या अन्य विशेषताएं होनी चाहिए।
किसी उत्पाद को दिया गया जीआई टैग, उस उत्पाद को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है यह दूसरों द्वारा पंजीकृत भौगोलिक संकेत के अनधिकृत उपयोग को रोकता है।
संसद ने 1999 में भारत में वस्तुओं के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम पारित किया।
पेटेंट, डिज़ाइन और ट्रेड मार्क्स के महानियंत्रक भौगोलिक संकेतों के रजिस्ट्रार हैं।
भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री चेन्नई,तमिलनाडु में स्थित है ।
2003 में जीआई टैग पाने वाला पहला उत्पाद दार्जिलिंग चाय था।