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सिंगापुर और हांगकांग द्वारा भारतीय मसालों पर प्रतिबंध के बाद एफएसएसएआई मसालों की जांच करेगा

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
FSSAI to check Spices after Singapore & Hong Kong Ban Indian Spices Economy 5 min read

भारतीय खाद्य नियामक एफ़एसएसएआई (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) ने घोषणा की है कि वह देश के भीतर मसालों और पाक जड़ी-बूटियों की गुणवत्ता की जांच शुरू करेगा। एफएसएसएआई की घोषणा हांगकांग और सिंगापुर द्वारा दो भारतीय कंपनियों, एवरेस्ट और एमडीएच के चार मसालों के मिश्रण पर कार्सिनोजेनिक पदार्थ होने के कारण प्रतिबंध लगाने के बाद आई है।

मालदीव सरकार ने भी  देश में एवरेस्ट और एमडीएच कंपनियों के मसालों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी कहा है कि वह दोनों भारतीय कंपनियों द्वारा बनाए गए मसालों की गुणवत्ता की जांच करेगा।

एवरेस्ट और एमडीएच के मसालों पर सिंगापुर और हांगकांग के प्रतिबंध 

हांगकांग और सिंगापुर में स्वास्थ्य अधिकारियों ने कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड की स्वीकार्य सीमा से ऊपर की उपस्थिति होने के कारण एवरेस्ट और एमडीएच के चार मसाला मिश्रणों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया।

इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने एथिलीन ऑक्साइड को एक प्रमुख कार्सिनोजेन तत्व के रूप में पहचाना है जो मनुष्यों में कैंसर का कारण बनता है।

हांगकांग में, चार प्रतिबंधित मसलों में से तीन एमडीएच ब्रांड के थे और एक एवरेस्ट का। सिंगापुर में देश के खाद्य सुरक्षा विभाग ने एथिलीन ऑक्साइड की उच्च उपस्थिति के कारण मसाला निर्माता एवरेस्ट द्वारा निर्मित फिश करी मसाला पर प्रतिबंध लगा दिया है ।

एफ़एसएसएआई  2024-25 में अपनी निगरानी का विस्तार करेगा

एफएसएसएआई ने कहा कि विभिन्न खाद्य सुरक्षा नियमों को लागू करने के अपने कार्य के हिस्से के रूप में, वह 2024-25 में फलों और सब्जियों, मछली उत्पादों में साल्मोनेला, मसाले और पाक जड़ी-बूटियों, फोर्टिफाइड चावल, दूध और दूध उत्पादों जैसे खाद्य पदार्थों की अतिरिक्त निगरानी करेगा। 

एफएसएसएआई ने कहा कि उसके द्वारा परीक्षण किए गए नमूनों की संख्या 2020-21 में 108,000 लाख से बढ़कर 2023-24 में 450,000 हो गई है। एफएसएसएआई के अनुसार राज्य सरकार खाद्य सुरक्षा कानूनों के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करने के जिम्मेदार होती है।

मसाला व्यापार और भारत

भारत दुनिया में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। 2022-23 के दौरान, देश ने 31761 करोड़ रुपये (3952.60 मिलियन अमेरिकी डॉलर) मूल्य के 1404357 टन मसाले/मसाला उत्पादों का निर्यात किया।

2022-23 के दौरान, भारत से निर्यात किया जाने वाला सबसे बड़ा मसाला मिर्च था, इसके बाद जीरा और ओलेओरेसिन थे।

भारतीय मसालों के प्रमुख बाज़ार

भारत 180 से अधिक देशों को मसाले निर्यात करता है।

2022-23 में, चीन भारतीय मसालों का सबसे बड़ा आयातक था, इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्रिटेन और श्रीलंका थे।

भारत में सबसे बड़े मसाला उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश है। अन्य प्रमुख उत्पादक राज्य - राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, असम, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल हैं।

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफ़एसएसएआई 

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफ़एसएसएआई) की स्थापना 2008 में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत की गई थी।

एफ़एसएसएआई एक वैधानिक निकाय है जो केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन है।

एफएसएसएआई को भोजन के लिए विज्ञान-आधारित मानकों को निर्धारित करने और मानव उपभोग के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इसके निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात को विनियमित करने के लिए बनाया गया है।

मुख्यालय: नई दिल्ली

क्षेत्रीय कार्यालय: दिल्ली, गुवाहाटी, मुंबई, कोलकाता, कोचीन और चेन्नई

FAQ

उत्तर: एमडीएच और एवरेस्ट

उत्तर: एथिलीन ऑक्साइड। इसका उपयोग कीटनाशक के रूप में किया जाता है, लेकिन यह कार्सिनोजेनिक भी है, जो मनुष्यों में कैंसर का कारण बनता है।

उत्तर: चीन

उत्तर: मध्य प्रदेश

उत्तर : नई दिल्ली

उत्तर: मिर्च
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