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आईपीईएफ स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक फोरम की पहली बैठक सिंगापुर में आयोजित

Utkarsh Classes Last Updated 08-06-2024
First IPEF Clean Economy Investor Forum meeting Held in Singapore Summit and Conference 4 min read

सिंगापुर ने 5 और 6 जून 2024 को पहली समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक फोरम की बैठक की मेजबानी की। इस  बैठक के साथ समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) मंत्रिस्तरीय बैठक भी  आयोजित की गई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने किया।

आईपीईएफ स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक फोरम की बैठक 

एशिया प्रशांत क्षेत्र के शीर्ष निवेशकों, स्वच्छ अर्थव्यवस्था कंपनियों और स्टार्ट-अप को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, टिकाऊ बुनियादी ढांचे और जलवायु प्रौद्योगिकी में निवेश जुटाने के लिए एक साथ लाने के लिए समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक फोरम का आयोजन किया गया था।

आईपीईएफ कैटेलिटिक कैपिटल फंड

फोरम मीटिंग में आईपीईएफ कैटेलिटिक कैपिटल फंड की शुरुवात किया गया। आईपीईएफ कैटेलिटिक कैपिटल फंड की स्थापना आईपीईएफ के सदस्य देशों ऑस्ट्रेलिया, जापान, कोरिया गणराज्य और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ-साथ एक निजी कंपनी, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ग्रुप द्वारा की गई है।

इन देशों ने फंड के लिए अनुदान के रूप में 33 मिलियन अमरीकी डालर प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई है।

आईपीईई कैटेलिटिक फंड भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र जैसी उभरती और उच्च-मध्यम-आय अर्थव्यवस्थाओं में गुणवत्ता, लचीली और समावेशी स्वच्छ अर्थव्यवस्था बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की पाइपलाइन का विस्तार करने के लिए रियायती ऋण, तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करेगा। 

आईपीईएफ कैटेलिटिक कैपिटल फंड का प्रबंधन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ग्रुप द्वारा किया जाएगा। यह फंड क्षेत्र की ऊर्जा परियोजनाओं में निजी क्षेत्र के निवेश में 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है।

समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) के बारे में

समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) एक अमेरिकी नेतृत्व वाली पहल है जिसे कोविड-19 महामारी के बाद शुरू किया गया था, जिसने दुनिया की आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर दिया था। चीन, जो दुनिया का कारखाना है, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की महत्वपूर्ण कड़ी है। कई देश औद्योगिक उत्पादों, अर्द्ध-तैयार उत्पादों और कच्चे माल के लिए चीनी कारखानों पर निर्भर हैं। चीन से विविधता लाने और वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए, आईपीईएफ शुरू  किया गया था।

इसे औपचारिक रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा 23 मई 2022 को टोक्यो, जापान में लॉन्च किया गया था। 

आईपीईएफ क्षेत्र में विकास, आर्थिक स्थिरता और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए भागीदार देशों के बीच आर्थिक जुड़ाव और सहयोग को मजबूत करने का भी प्रयास करता है।

आईपीईएफ के सदस्य 

आईपीईएफ में 14 सदस्य देश शामिल हैं - संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, फिजी, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम।

आईपीईएफ के चार स्तंभ

आईपीईएफ व्यापार से संबंधित चार स्तंभों के आसपास बनाया गया है। वे हैं:

  • स्तंभ -I; निष्पक्ष और लचीला व्यापार (डिजिटल, श्रम, पर्यावरण और अन्य मानकों सहित); 
  • स्तंभ-2: आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन;
  • स्तंभ-3: बुनियादी ढांचा, डीकार्बोनाइजेशन और स्वच्छ ऊर्जा; और 
  • स्तंभ-4: कर और भ्रष्टाचार विरोधी।

भारत स्तंभ 1 में शामिल नहीं हुआ है और उसे पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है। हालाँकि, यह स्तंभ 2, 3 और 4 में शामिल है।

फुल फॉर्म

आईपीईएफ़/IPEF: इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (Indo-Pacific Economic Framework for Prosperity).

FAQ

उत्तर: 5 और 6 जून 2024 को सिंगापुर में।

उत्तर: 5 और 6 जून 2024 को सिंगापुर में।

उत्तर: 2022 में जापान के टोक्यो में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा।

उत्तर: 14 देश: संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, फिजी, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम।

उत्तर : वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल।
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