मशहूर शास्त्रीय गायिका प्रभा अत्रे का 13 जनवरी 2024 को पुणे में निधन हो गया। गायिका प्रभा अत्रे को दिल का दौरा पड़ने से 92 वर्ष की आयु में निधन हुआ है। प्रभा अत्रे को 13 जनवरी की सुबह दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ उन्हें मृत घोषित किया गया।
- प्रभा अत्रे के परिवार के कुछ करीबी सदस्य विदेश में रहते हैं। परिवारजनों के आने के बाद गायिका का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
किराना घराने से था संबंध:
- प्रसिद्ध गायिका प्रभा अत्रे हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के किराना घराने से जुड़ी थीं। संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा तीनों प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
प्रभा अत्रे के बारे में:
- प्रभा अत्रे का जन्म 13 सितंबर 1932 को पुणे में हुआ। वे बहुमुखी प्रतिभा की धनी थीं। एक शास्त्रीय गायिका होने के अलावा, उन्होंने कई अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
- प्रभा अत्रे ने एक शिक्षाविद, शोधकर्ता, संगीतकार और लेखिका के रूप में भी शानदार काम किया। विज्ञान और कानून में स्नातक प्रभा अत्रे ने संगीत में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी।
प्रभा अत्रे को प्राप्त हुए पुरस्कार:
- गायिका प्रभा अत्रे को जनवरी 2022 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- इससे पहले उन्हें 1990 में पद्म श्री पुरस्कार।
- 2002 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
- वर्ष 1991 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया।
- राष्ट्रीय कालिदास सम्मान
- टैगोर अकादमी रत्न पुरस्कार
- दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार
- हाफिज अली खान जैसे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया।
शास्त्रीय गायन में प्रभा अत्रे का योगदान:
- प्रभा अत्रे ने भारतीय शास्त्रीय गायन संगीत को दुनियाभर में लोकप्रिय बनाने में अपना विशेष योगदान दिया।
- वे ख्याल, ठुमरी, दादरा, गजल, गीत, नाट्यसंगीत और भजन जैसी कई संगीत शैली में सक्षम थीं। प्रभा अत्रे ने गुरु-शिष्य परपंरा में संगीत प्रशिक्षण लिया था।
- प्रभा अत्रे ने किराना घराना के सुरेशबाबू माने और हीराबाई बड़ोदकर से शास्त्रीय संगीत सीखा।