डीआरडीओ ने एलसीए तेजस एमके1ए के लिए स्वदेशी पार्ट्स की पहली खेप एचएएल को सौंपी
Utkarsh ClassesLast Updated
07-02-2025
Defence
4 min read
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 19 अप्रैल 2024 को एलसीए तेजस एमके1ए के लिए स्वदेशी लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड(एचएएल) को सौंप दिया है।
वैमानिकी प्रोद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि:
इसे डीआरडीओ की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने एचएएल को सौंपा है। यह वैमानिकी प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एचएएल, लखनऊ ने मौजूदा 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए के ऑर्डर को पूरा करने के लिए इनके विनिर्माण की तैयारी पहले से ही पूर्ण कर ली है।
एलसीए-तेजस, अत्याधुनिक लीडिंग एज स्लैट्स और एयरब्रेक से लैस:
एलसीए-तेजस के सेकेंडरी फ्लाइट कंट्रोल में अत्याधुनिक लीडिंग एज स्लैट्स और एयरब्रेक शामिल हैं। यह अतिउन्नत सर्वो-वाल्व आधारित इलेक्ट्रो-हाइड्रोलिक सर्वो एक्टयूएटर्स और कंट्रोल मॉड्यूल का दावा करता है।
ये उच्च दबाव, नियंत्रण मॉड्यूल, अद्भुत डिजाइन, सटीक विनिर्माण और परीक्षण की विशेषता से लैस हैं। साथ ही यह स्वदेशी तकनीकी कौशल में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के निरंतर अनुसंधान का प्रतीक है।
नए प्रोद्योगिकी पर एडीए, रिसर्च सेंटर इमारत और सीएमटीआई के साथ समन्वय:
रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई)हैदराबाद और केन्द्रीय विनिर्माणकारी प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएमटीआई) बेंगलुरु के साथ मिलकर एडीए काम कर रही है।
एडीए इनके समन्वय से इन प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की योजना बना रहा है। लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल्स के लिए सफल उड़ान परीक्षणों ने उत्पादन से जुड़े कार्यों का मार्ग प्रशस्त किया है।
महत्वपूर्ण कलपुर्जों का उत्पादन एचएएल लखनऊ में:
इन महत्वपूर्ण कलपुर्जों का उत्पादन सहायक उपकरण प्रभाग, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड लखनऊ में किया जा रहा है। यह भारत की विमान और अंतरिक्ष यान विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है।
इस प्रयास में सीईएमआईएलएसी और वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीएक्यूए) जैसी प्रमाणन एजेंसियों के साथ-साथ गोदरेज एयरोस्पेस, मुंबई सहित सार्वजनिक और निजी उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
एलसीए तेजस एमके1ए के उत्पादन से जुड़ी प्रमुख संस्था:
एलसीए तेजस एमके1ए के उत्पादन में कई प्रमुख संस्थानों का योगदान रहा है। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) बेंगलुरु
रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) हैदराबाद
केन्द्रीय विनिर्माणकारी प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएमटीआई) बेंगलुरु
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) बेंगलुरु
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए):
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) को वैमानिक विकास अभिकरण के नाम से भी जाना जाता है। एडीए की स्थापना भारत में हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) के निर्माण की देखरेख करने के लिये 1984 में की गयी।
एडीए भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अन्तर्गत आता है। एडीए का मुख्यालय बंगलुरु में स्थित है।
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