हैदराबाद,तेलंगाना के आठ वर्षीय दिविथ रेड्डी ने इटली के मोंटेसिल्वानो में आयोजित अंडर-8 विश्व कैडेट शतरंज चैंपियनशिप जीत ली है।
दिविथ ने अंडर-8 विश्व कैडेट शतरंज चैंपियनशिप में संभावित 11 में से 9 अंक हासिल किए और साथी भारतीय सात्विक स्वैन और चीनी जिमिंग गुओ के साथ बराबरी पर रहे। हालांकि, बेहतर टाई-ब्रेक स्कोर के कारण दिविथ रेड्डी को स्वर्ण पदक, सात्विक स्वैन को रजत पदक और चीनी खिलाड़ी जिमिंग गुओ को कांस्य पदक मिला।
1784 की फीडे रेटिंग वाले दिविथ ने अपने पहले चार मैच जीतकर चैंपियनशिप की शानदार शुरुआत की। हालांकि, वह अपने अगले दो मैच हार गए लेकिन चैंपियनशिप में शानदार वापसी करते हुए दिविथ रेड्डी ने आखिरी पांच मैच और खिताब जीत लिया।
विश्व शतरंज नियामक संस्था फीडे ने 14-27 नवंबर 2024 तक इटली के मोंटेसिल्वानो में फीडे विश्व कैडेट चैंपियनशिप 2024 का आयोजन किया।
विश्व कैडेट चैंपियनशिप तीन श्रेणियों - यू 8, यू 10 और यू 12 के अंतर्गत आयोजित की गई थी ।
फिडे पुरुष विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2024 सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप पर रिसॉर्ट्स वर्ल्ड सेंटोसा में 27 नवंबर से 13 दिसंबर 2024 तक आयोजित की जा रही है।
यह 14 गेम की शास्त्रीय शतरंज सीरीज़ है जिसमें 7.5 अंक तक पहुँचने वाले पहले खिलाड़ी को विजेता घोषित किया जाता है।
यह मैच मौजूदा विश्व चैंपियन चीन के डिंग लिरेन और भारत के चैलेंजर गुकेश डोमाराजू (डी. गुकेश) के बीच खेला जा रहा है।
18 वर्षीय डी. गुकेश विश्व शतरंज चैंपियनशिप के इतिहास में सबसे कम उम्र के चैलेंजर हैं।
उन्होंने अप्रैल 2024 में टोरंटो, कनाडा में आयोजित फीडे कैंडिडेट्स प्रतियोगिता जीतकर चैलेंजर के रूप में अपनी जगह पक्की की।
ग्रैंड मास्टर डिंग लिरेन कजाकिस्तान के अस्ताना में आयोजित 2023 फीडे पुरुष विश्व शतरंज चैंपियनशिप में रूसी इयान नेपोमनियाचची को हराकर विश्व चैंपियन बने।
डिंग लिरेन चीन के पहले क्लासिकल फीडे विश्व चैंपियन हैं।
अगर डी. गुकेश विश्व चैंपियनशिप जीतते हैं, तो वे शास्त्रीय विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन जाएंगे।
2024 विश्व शतरंज चैंपियनशिप के विजेता को 2.5 मिलियन डॉलर का पुरस्कार मिलेगा।
सबसे कम उम्र में शास्त्रीय विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने का रिकॉर्ड ,रूसी शतरंज खिलाड़ी गैरी कास्परोव के नाम है जिसने सिर्फ 22 साल की उम्र में यह खिताब जीता था।
भारत के विश्वनाथ आनंद एकमात्र भारतीय हैं जिन्होंने 2007, 2008, 2010 और 2012 में चार बार शास्त्रीय विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीती है।