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पटना में बना देश का पहला तांबे के आवरण वाला बापू टावर

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Country's First Copper-Clad Bapu Tower Built In Patna Bihar 5 min read

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित देश का पहला सबसे बड़ा बापू टावर पटना, बिहार में बनकर तैयार हो गया है। इसके लिए भवन निर्माण विभाग और निर्माण एजेंसी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा। 

पटना के गर्दनीबाग में स्थित है बापू टावर: 

  • बापू टावर पटना के गर्दनीबाग में स्थित है। इस टावर की ऊंचाई 120 फीट है। यह 6 मंजिली टावर है। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है। 
  • बापू टावर में पर्यटकों को परिसर के अंदर 50 चार पहिया और 150 दो पहिया वाहन की पार्किंग की सुविधा मिलेगी। 
  • जहां भूतल पर टर्नटेबल थियेटर शो के जरिये पर्यटकों को बापू की जीवनी दिखाई जाएगी। इसके बाद पर्यटक गोलाकार और आयताकार भवन में घूमते हुए बापू के इतिहास को देख सकेंगे।
  • इस टावर में करीब 45 करोड़ रुपये की लागत से गांधी जी और बिहार के इतिहास से जुड़ी प्रदर्शनी लगाई जा रही है।

टावर की दीवार पर तांबे की परत: 

  • गोलाकार भवन की बाहरी दीवार में 42 हजार किलो से तांबे की परत लगा दी गई है। दीवार पर लगने वाला तांबा ऑक्सीजन और नाइट्रोजन के रिएक्शन से इंद्रधनुषी रंगों में बदल रहा है। इससे भवन की खूबसूरती बढ़ गई है।

बापू टावर का उद्घाटन: 

  • राष्ट्रपिता को समर्पित इस टावर का उद्घाटन 4 फरवरी 2024 को प्रस्तावित है। बापू टावर बनाने की शुरुआत 02 अक्टूबर 2018 को की गई थी। जिसे पूरा करने का लक्ष्य 28 नवंबर 2021 का रखा गया था। 
  • निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर 2022 कर दिया गया था। इसके बाद पुनः इसे दोबारा बढ़ाकर जून-2023 के अंत तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया। 
  • हालाँकि अब इस टॉवर का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है।

बापू टावर की निर्माण लागत:

  • बापू टावर को बनाने में 129 करोड़ की लागत आई है। बापू टावर की प्रदर्शनी गैलरी में लगने वाली मूर्तियां और कलाकृतियों का निर्माण अहमदाबाद की फैक्ट्री में किया गया है। 
  • प्रदर्शनीय वस्तु लगाने के लिए सिविल वर्क का कार्य भी पूरा हो गया है। टावर के गोलाकार भवन में लगी तांबे की परत चमक बिखेर रही है। रात में सामने से लाइट जलते ही, इसकी खूबसूरती बढ़ जाती है।

टावर के निर्माण में ग्रीन टेक्नोलॉजी का प्रयोग: 

  • बापू टावर का निर्माण पर्यावरण प्रबंधन तथा सतत विकास के उच्च मानकों तथा वैज्ञानिक तकनीकों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। जिसमें ग्रीन टेक्नोलॉजी का प्रयोग मुख्य रूप से शामिल है।

सात एकड़ में विस्तृत है टावर: 

  • पर्यटकों के लिए इस भवन में महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं, गांधी के विचार, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका, बिहार से लगाव, बापू के आदर्शों को आम जन में स्थापित करने के लिए बिहार सरकार द्वारा किये गये कार्यों आदि की उत्कृष्ट प्रदर्शनी रहेगी।
  • जिस जगह पर इस टावर को बनाया गया है उस भूखंड का कुल क्षेत्रफल सात एकड़ है और कुल निर्मित क्षेत्र 10503 वर्ग मीटर है। 
  • टावर में विभिन्न गैलरी, अनुसंधान केंद्र, विशिष्ट अतिथियों के लिए लाउंज, प्रशासनिक कार्यालय आदि हैं।

बहु उपयोगी साबित होगा टावर: 

  • यह बच्चों, छात्रों, शोधकर्ताओं और गांधीजी के सिद्धांतों में रुचि रखने वालों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। बापू टावर के गोलाकार भवन में टर्न टेबल थियेटर शो की भी व्यवस्था की गई है।

FAQ

उत्तर:- पटना, बिहार

उत्तर:- 129 करोड़

उत्तर:- 120 फीट ,बापू टावर पटना के गर्दनीबाग में स्थित है। इस टावर की ऊंचाई 120 फीट है। यह 6 मंजिली टावर है।

उत्तर:- तांबे का

उत्तर :- सात एकड़ (कुल निर्मित क्षेत्र 10503 वर्ग मीटर है)।
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