तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने 31 दिसंबर 2024 को कन्याकुमारी में समुद्र के ऊपर भारत के पहले कांच के पुल का उद्घाटन किया। यह कांच का पुल कन्याकुमारी में स्थित पर्यटन स्थल, विवेकानंद रॉक मेमोरियल को 133 फीट ऊंची तिरुवल्लुवर प्रतिमा से जोड़ती है।
कांच के पुल लैमिनेटेड कांच या टफन्ड कांच के बने होते हैं, पारदर्शी होते हैं और इन्हें पर्यटन स्थलों खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में बनाया जाता है ताकि पर्यटक लुभावने दृश्यों का अनुभव कर सकें।
भारत का सबसे लंबा कांच का पुल केरल के वागामोन में स्थित है जो 40 मीटर लंबा और 3600 फीट की ऊंचाई पर है।
इस पुल का उद्घाटन दिवंगत मुख्यमंत्री और एम के स्टालिन के पिता एम करुणानिधि द्वारा तमिल कवि तिरुवल्लुवर की प्रतिमा के अनावरण की रजत जयंती के उद्घाटन के अवसर पर किया गया।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने यह भी घोषणा की कि उनकी सरकार हर दिसंबर के आखिरी सप्ताह को “त्रिरुक्कुरल सप्ताह” के रूप में मनाएगी ताकि कवि की प्रसिद्ध कृति “तिरुक्कुरल” में दी गई शिक्षा का प्रसार किया जा सके।
कन्याकुमारी में यह पुल 77 मीटर लंबा, 10 मीटर चौड़ा और समुद्र तल से 133 फीट ऊंचा है।
इन दोनों पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटक पहले नौका सेआते जाते थे, लेकिन अब वे इन पर्यटन स्थलों पर जाने के लिए कांच के पुल पर पैदल भी जा सकते हैं।
राज्य सरकार की 37 करोड़ की परियोजना के तहत इस कांच के पुल का निर्माण किया गया है ताकि इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।
चीन के हुनान प्रांत में स्थित झांगजियाजी कांच का पुल दुनिया का सबसे ऊंचा और सबसे लंबा कांच का पुल है। यह 430 मीटर लंबा, 6 मीटर चौड़ा और जमीन से 300 मीटर ऊंचा है।
भारत का सबसे लंबा कांच का पुल केरल के इडुक्की जिले के वेगामोन में स्थित है। यह एक कैंटिलीवर ग्लास ब्रिज है जो 40 मीटर लंबा है और 3600 फीट की ऊंचाई पर है।