भारत सरकार ने केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की विभिन्न केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं को दो मुख्य समग्र योजनाओं: प्रधान मंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृष्णोन्नति योजना (केवाई)को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की 3 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली में हुई बैठक में इसे मंजूरी दी गई।
पीएम-आरकेवीवाई योजना टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जबकि केवाई खाद्य सुरक्षा और कृषि आत्मनिर्भरता हासिल करने के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करेगी।
केवल कृषि से संबंधित और राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं का विलय किया गया है। नई स्वीकृत योजना को राज्य सरकारों द्वारा भी लागू किया जाएगा।
पीएम-आरकेवीवाई और केवाई के लिए परिव्यय
- केंद्र प्रायोजित योजना प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृष्णोन्नति योजना (केवाई) के लिए कुल परिव्यय 1,01,321.61 करोड़ रुपये है।
- केंद्र सरकार का हिस्सा 69,088.98 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 32,232.63 करोड़ रुपये होगा।
- पीएम-आरकेवीवाई के लिए आवंटन 57,074.72 करोड़ रुपये और केवाई योजना के लिए आवंटन 44,246.89 करोड़ रुपये है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) के बारे में
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) केंद्र सरकार द्वारा 2007-08 में शुरू की गई थी। यह योजना कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के अधिक समावेशी और एकीकृत विकास को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक कृषि विकास योजनाएं तैयार करने के लिए राज्य सरकार को प्रोत्साहन प्रदान करती है।
2017 -18 वित्तीय वर्ष में, आरकेवीवाई को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना - कृषि और संबद्ध क्षेत्र के कायाकल्प के लिए लाभकारी दृष्टिकोण (आरकेवीवाई-आरएएफटीएएआर) में परिवर्तित कर दिया गया था, जिसमें कृषि-उद्यमिता, नवाचारों और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने के अलावा फसल पूर्व और बाद के बुनियादी ढांचे पर केन्द्रित था।
अब, इसकी जगह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) ने ले ली है।
पीएम-आरकेवीवाई योजना में निम्नलिखित केंद्र सरकार की योजनाएं शामिल हैं;
- मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन,
- वर्षा आधारित क्षेत्र विकास,
- कृषि वानिकी,
- परम्परागत कृषि विकास योजना,
- फसल अवशेष प्रबंधन सहित कृषि यंत्रीकरण,
- प्रति बूंद अधिक फसल,
- फसल विविधीकरण कार्यक्रम,
- आरकेवीवाई डीपीआर घटक,
- कृषि स्टार्टअप के लिए त्वरक निधि
कृष्णोन्नति योजना
- भारत सरकार ने 2005 में 10वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान ,कृष्णोन्नति योजना शुरू की थी। यह योजना वर्तमान में केंद्र सरकार की 12 योजनाओं/मिशनों और कृषि क्षेत्र से संबंधित केंद्र प्रायोजित योजनाओं की एक छत्र योजना है।
- इन योजनाओं का उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों को समग्र और वैज्ञानिक रूप से विकसित करना है।
- इसका उद्देश्य उत्पादन, उत्पादकता और उपज पर बेहतर रिटर्न बढ़ाकर किसानों की आय बढ़ाना है।
योजना को युक्तिसंगत बनाने का कारण
भारत सरकार के अनुसार, विभिन्न केंद्रीय क्षेत्र की कृषि-संबंधित योजनाओं को दो में विलय करने का मुख्य कारण निम्नलिखित है;
- सामंजस्य सुनिश्चित करना ,दोहराव से बचना और राज्यों को सुदृढ़ता प्रदान करना,
- पोषण सुरक्षा, स्थिरता, जलवायु लचीलापन, मूल्य श्रृंखला विकास और निजी क्षेत्र की भागीदारी पर ध्यान केन्द्रित करना।
- राज्य सरकार को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार एक व्यापक रणनीतिक योजना बनाने के लिए सक्षम करना।
- राज्यों की वार्षिक कार्य योजना (एएपी) को अलग-अलग योजना-वार एएपी को मंजूरी देने के बजाय एक बार में ही अनुमोदित किया सके।
फुल फॉर्म
- पीएम-आरकेवीवाई/ PM-RKVY- प्रधान मंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना( Pradhan Mantri Rashtriya Krishi Vikas Yojana)
- के वाई /KY: कृष्णोन्नति योजना (Krishonnati Yojana)