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2023-24 में केंद्र सरकार का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.58 खरब रुपये हुआ

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Central government net direct tax collection of Rs 19.58 trillion in 2023-24 Economy 7 min read

2023-24 में भारत सरकार का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (रिफंड के बाद) 19.58 ट्रिलियन (19.58 लाख करोड़) रुपये था। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 21 अप्रैल 2024 को नवीनतम प्रत्यक्ष कर का आंकड़ा जारी किया। केंद्रीय बजट में सरकार ने 2023-24 के लिए 18.23 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखा था , जिसे बाद में संशोधित किया कर 19.45 लाख करोड़ रुपये कर दिया था ।अंतिम शुद्ध संग्रह संशोधित अनुमान से अधिक, 13000 करोड़ रुपये से अधिक था।

2022-23 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.64 लाख करोड़ रुपये था। 2023-24 में प्रत्यक्ष कर संग्रह में 17.70% की वृद्धि देखी गई है।

2023-24 के लिए सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह (रिफंड के समायोजन से पहले) 23.37 लाख करोड़ रुपये था,जो  2022-23 के 9.72 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 18.48% की वृद्धि दर्शाता है।

प्रत्यक्ष कर का सबसे बड़ा स्रोत व्यक्तिगत आयकर

2023-24 में, एसटीटी (प्रतिभूति लेनदेन कर) सहित व्यक्तिगत आयकर, भारत सरकार के सबसे बड़े प्रत्यक्ष कर स्रोत के रूप में उभरा है । इसने केंद्र सरकार के लिए पहले सबसे बड़े प्रत्यक्ष कर स्रोत के रूप में कॉर्पोरेट टैक्स का स्थान ले लिया।

व्यक्तिगत आयकर

सीबीडीटी के अनुसार, 2023-24 के दौरान एसटीटी सहित सकल व्यक्तिगत आयकर 12.01 लाख करोड़ रुपये था, जो 2023-24 की तुलना में 24.26% की वृद्धि दर्शाता है।

2023-24 में शुद्ध व्यक्तिगत आयकर संग्रह (एसटीटी सहित) 10.44 लाख करोड़ रुपये था, जबकि 2022-23 में 8.33 लाख करोड़ रुपये था, जो 25.23% की वृद्धि दर्शाता है।

निगम कर

2023-24 में सकल निगम कर संग्रह 11.32 लाख करोड़ रुपये था, जो  2022-23 में 10 लाख करोड़ रुपये था, जो 13.06% की वृद्धि दर्शाता है।

2023-24 में शुद्ध निगम कर संग्रह (रिफंड के बाद) 2022-23 में 8.26 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 9.11 लाख करोड़ रुपये है , जो 10.26% की वृद्धि दर्शाता है।

शुद्ध रिफंड - 2023-24 में भारत सरकार ने करदाताओं को 3.79 लाख करोड़ रुपये वापस किए, जबकि 2022-23 में 3.09 लाख करोड़ रुपये वापस किये थे जो कि 22.74% की वृद्धि प्रदर्शित करता है।

कर संग्रह  बढ़ने का कारण

पिछले कुछ सालों में सरकार का कर संग्रह लगातार बढ़ रहा है। इसके कई कारण हैं जिसमे प्रमुख हैं-

  • करदाता डेटा की बेहतर निगरानी और प्रसंस्करण के साथ-साथ अप्रत्यक्ष कर और अन्य डेटाबेस को साझा करने से उन लोगों को ट्रैक करने में आय कर विभाग को मदद मिली है जो अपनी आय का सटीक खुलासा नहीं कर रहे थे।
  • आयकर अधिकारी करदाताओं से अपनी आय घोषित कराने के लिए उच्च मूल्य वाले लेनदेन, निवेश और नकद लेनदेन का उपयोग करते हैं।
  • भारत में कर अनुपालन दर भी बढ़ रही है, अधिक से अधिक लोग स्वेच्छा से कर का भुगतान कर रहे हैं।
  • सरकार ने भारत में कर आधार बढ़ाया है।

2024-25 में कर संग्रह का लक्ष्य

  • अंतरिम केंद्रीय बजट 2024-25 में भारत सरकार ने 21.98 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखा है।
  • अप्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य 16.3 लाख करोड़ रुपये रखा गया है।

निगम कर , व्यक्तिगत आयकर और एसटीटी 

आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार किसी वित्तीय वर्ष (अप्रैल से मार्च) में किसी व्यक्ति या कंपनी की आय पर आयकर लगाया जाता है। किसी व्यक्ति की आय पर लगाए गए कर को व्यक्तिगत आयकर कहा जाता है। कंपनियों द्वारा अर्जित लाभ पर लगाया जाने वाला आय कर निगम कर कहलाता है।

केंद्र सरकार पूरे भारत में व्यक्तिगत आयकर और निगम कर लगा सकती है।

हालाँकि, सिक्किम में, राज्य सरकार के पास राज्य के निवासियों पर व्यक्तिगत आयकर लगाने की शक्ति है।

साथ ही, भारत में राज्य सरकार के पास कृषि आय पर व्यक्तिगत आयकर लगाने की शक्ति है।

प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) भारत में किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदी और बेची गई निर्दिष्ट प्रतिभूतियों पर लगाया जाता है। एसटीटी इक्विटी (शेयर), डेरिवेटिव और इक्विटी-उन्मुख म्यूचुअल फंड की इकाइयों पर लगाया जाता है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कराधान बोर्ड (सीबीडीटी)

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम 1963 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।

यह केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

यह सर्वोच्च निकाय है जो भारत में प्रत्यक्ष करों की उगाही और संग्रहण से संबंधित है।

मुख्यालय: नई दिल्ली

अध्यक्ष: नितिन गुप्ता

FAQ

उत्तर: प्रतिभूति लेनदेन कर सहित व्यक्तिगत आयकर

उत्तर: 19.58 लाख करोड़ रुपये

उत्तर: 12.01 लाख करोड़ रुपये

उत्तर: 11.32 लाख करोड़ रुपये

उत्तर : नितिन गुप्ता
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