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सीईए ने ओडिशा और कर्नाटक में हाइड्रो-पंप भंडारण संयंत्रों को मंजूरी दी

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
CEA Approves Hydro-Pumped Storage plant in Odisha and Karnataka Energy 5 min read

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने हाल ही में देश में दो हाइड्रो-पंप भंडारण संयंत्रों को मंजूरी दी है। एक  हाइड्रो-पंप भंडारण संयंत्र कर्नाटक में और दूसरा ओडिशा में बनाया जाएगा।

विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के तहत, जल विदूयत केंद्र  स्थापित करने की इच्छुक किसी भी कंपनी को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की सहमति की आवश्यकता अनिवार्य होती है। 

विद्युत अधिनियम 2003 द्वारा दी गई इस शक्ति का उपयोग करते हुए, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने ओडिशा और कर्नाटक के क्रमशः  ऊपरी इंद्रावती और शरावथी हाइड्रो-पंप भंडारण संयंत्र परियोजना को मंजूरी दे दी है।

2000 मेगावाट शरावथी पंप भंडारण संयंत्र 

  • 2000 मेगावाट का शरावथी हाइड्रो-पंप भंडारण संयंत्र कर्नाटक के शिमोगा जिले में शरावथी नदी पर विकसित किया जा रहा है। 
  • मौजूदा शारवथी जल विद्युत परियोजना के तलकलाले बांध का उपयोग ऊपरी जलाशय के रूप में किया जाएगा, और गेरुसोप्पा बांध का उपयोग प्रस्तावित पंप भंडारण के लिए निचले बांध के रूप में किया जाएगा। 
  • 8000 करोड़ रुपये की 2000 मेगावाट की शरावथी परियोजना देश की सबसे बड़ी पंप भंडारण बिजली उत्पादन इकाई होगी। 
  • कर्नाटक सरकार द्वारा समर्थित इस मेगा परियोजना से राज्य के बिजली संकट का समाधान होने की उम्मीद है। 
  • यह परियोजना राज्य सरकार की कंपनी केपीसीएल द्वारा विकसित और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा निर्मित की जा रही है।

600 मेगावाट अपर इंद्रावती पंप भंडारण संयंत्र 

  • 600 मेगावाट का अपर इंद्रावती पंप भंडारण संयंत्र ओडिशा के कालाहांडी जिले में बनाया जाएगा। यह मौजूदा इंद्रावती जल विद्युत परियोजना के पास इंद्रावती नदी पर बनाया जाएगा और ऊपरी इंद्रावती जलाशय के  द्वारा छोड़े गए पानी का उपयोग करेगा। 
  • परियोजना के तहत ऊपरी इंद्रावती जलाशय से छोड़े गए पानी को संग्रहित करने के लिए एक नए बांध का निर्माण किया जाएगा। 
  • अपर इंद्रावती पंप भंडारण संयंत्र राज्य सरकार के स्वामित्व वाली ओडिशा हाइड्रोपावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा विकसित किया जा रहा है।

पंप भंडारण जलविद्युत संयंत्र

पंप  भंडारण जलविद्युत संयंत्र के काम करने का सिद्धांत पारंपरिक जलविद्युत संयंत्र के समान है। अंतर केवल इतना है कि पंपयुक्त भंडारण जलविद्युत संयंत्र में एक ही पानी का बार-बार उपयोग करने की क्षमता होती है। 

  • पंप  भंडारण जलविद्युत संयंत्र परियोजना में दो जलाशय बनाई जाती है। एक जलाशय ऊंचाई पर बनाई जाती  है और दूसरा निचले स्तर पर।
  • बिजली के मांग को देखते हुए  पानी को एक जलाशय से दूसरे जलाशय में लाया जाता है ताकि जरूरत के अनुसार बिजली का भंडारण और उत्पादन हो सके । 
  • जब बिजली की मांग बढ़ती है, तो पानी ऊपरी भंडारण से निचले भंडारण की ओर प्रवाहित होता है और एक पाइप पर गिरता है, जो टरबाइन को घुमाता है। 
  • टरबाइन, बदले में, जनरेटर को घुमाता है, जिससे बिजली पैदा होती है।
  • जब बिजली की मांग कम हो जाती है तो टरबाइन पीछे की ओर घूमते हैं और  पानी को वापस ऊपरी जलाशय में पंप करते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर इसे एक बार फिर बिजली पैदा करने के लिए इस्तेमाल किया जा सके।

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण  

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण स्थापना 1951 में की गई थी। 

यह एक वैधानिक निकाय है जिसे विद्युत (आपूर्ति) अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के तहत स्थापित किया है। विद्युत (आपूर्ति) अधिनियम, 1948 को विद्युत अधिनियम 2003 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है।

यह भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

यह राष्ट्रीय विद्युत नीति के अनुसार राष्ट्रीय विद्युत योजना तैयार करता है।

यह भारत में स्थापित किये जाने वाले नये जल विद्युत संयंत्र को मंजूरी देता है।

इसमें छह पूर्णकालिक सदस्य और एक अध्यक्ष है।

अध्यक्ष:घनश्याम प्रसाद 

मुख्यालय: नई दिल्ली

FAQ

उत्तर : कर्नाटक के शिमोगा जिला में

उत्तर : ओडिशा के कालाहांडी जिला में ।

उत्तर: कर्नाटक के शिमोगा जिले में 2000 मेगावाट का शरवती हाइड्रो-पंप भंडारण संयंत्र।

उत्तर: केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय

उत्तर :घनश्याम प्रसाद
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