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कैबिनेट ने भारतीय रेलवे में सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Cabinet Approves Seven Multi-Tracking Projects In Indian Railways Transport 4 min read

केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 16 अगस्त 2023 को केंद्र सरकार के वित्तपोषण से रेल मंत्रालय की लगभग 32,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी। 

इन मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं के प्रस्तावों से परिचालन में आसानी होगी और भीड़-भाड़ में कमी आएगी, जिससे भारतीय रेल के अति व्यस्त खंडों पर आवश्यक ढांचागत विकास संभव हो सकेगा।

  • इस परियोजना में 9 राज्यों अर्थात उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 35 जिलों को शामिल किया गया है।

  • इन परियोजनाओं से भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में 2339 किलोमीटर की वृद्धि होगी। इसके अलावा राज्यों के लोगों को 7.06 करोड़ मानव दिवसों का रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।

  • इन परियोजनाओं में शामिल हैं: गोरखपुर-छाबनी-वाल्मीकि नगर, सोन नगर-अंडाल मल्टी ट्रैकिंग परियोजना, नेरगुंडी-बारंग और खुर्दा रोड-विजयनगरम, मुदखेड-मेडचल और महबूबनगर-धोने, गुंटूर-बीबीनगर, चोपन-चुनार और समखिअली-गांधीधाम।

परियोजना से होने वाले लाभ:

  • ये खाद्यान्न, उर्वरक, कोयला, सीमेंट, फ्लाई-ऐश, लोहा और तैयार इस्पात, क्लिंकर, कच्चा तेल, चूना पत्थर, खाद्य तेल आदि जैसी विभिन्न वस्तुओं की ढुलाई के लिए आवश्यक मार्ग हैं। 

  • क्षमता वृद्धि संबंधी कार्यों के परिणामस्वरूप अतिरिक्त 200 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) माल की ढुलाई होगी। 

  • पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा दक्ष परिवहन का माध्यम होने के कारण, रेलवे जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने और देश की लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने में मदद करेगा।

  • ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में मल्टी-टास्किंग कार्यबल बनाकर क्षेत्र के लोगों को "आत्मनिर्भर" बनाएंगी और उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि करेंगी।

  • ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं जो समेकित आयोजना से संभव हो सका है।

  • इस परियोजना से लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही हेतु निर्बाध कनेक्टिविटी उपलब्ध हो सकेगी।

भारतीय रेल का विकास: 

  • भारतीय रेल विश्व का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है, जो देश में 1.2 लाख किमी तक विस्तृत है। 

  • 1832 में ब्रिटिश भारत में रेलवे प्रणाली स्थापित करने का विचार पहली बार प्रस्तावित किया गया था। उस समय, ब्रिटेन में रेल यात्रा अपनी प्रारंभिक अवस्था में थी।

  • 1844 में भारत के गवर्नर-जनरल लॉर्ड हार्डिंग द्वारा निजी उद्यमियों को रेल प्रणाली स्थापित करने की अनुमति दी गई। 

  • वर्ष 1845 तक "ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी" और "ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे" नाम से दो कंपनियों का गठन किया गया। 

  • 16 अप्रैल 1853 को, भारत में पहली ट्रेन बोरीबंदर, बॉम्बे (मुंबई) और ठाणे के बीच लगभग 34 किमी की दूरी पर चली थी।

  • 1880 में तीन प्रमुख बंदरगाह शहरों बॉम्बे, मद्रास और कलकत्ता के आसपास लगभग 14,500 किलोमीटर तक का नेटवर्क विकसित किया गया था।

  • 1901 में वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के मार्गदर्शन में रेलवे बोर्ड का गठन किया गया। 

FAQ

Ans - सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना
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